खबर के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) लखनऊ ने इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण की जिम्मेदारी पीएनसी इंफ्राटेक को दी हैं। यह कंपनी पांच महीने में प्लांट तैयार करेगी। इसके बाद निर्माण शुरू कर दिया जायेगा।
बता दें की कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जिस रास्ते से गुजरेगी उस रास्ते में पड़ने वाले गांवों की जमीन महंगी होने लगी हैं। लखनऊ के अमौसी, बनी, बंथरा, सिकंदरपुर, बेहससा, चिल्लावां, गेहरू, गौरी, खांडेदेव, मीरनपुर पिनवट, नटकुर और सराय शहजारी गांव से एक्सप्रेस-वे गुजरेगा। जिसके कारण यहां जमीन का रेट बढ़ने लगा हैं।
वहीं उन्नाव के हसनापुर, सहारावन, काशीपुर, बजेहरा, हिनौरा, भीखामऊ, कंथा, सरिया, बछौरा, कुदिकापुर, मनिकापुर, मेडपुर, रायपुर, तुरी छबिनाथ, तुरी राजा साहिब, पाठकपुर, तऊरा, जगेहठा, पडरी खुर्द, जरगांव, गौरी शंकरपुर ग्रांट, नवेरना, शिपुर ग्रांट, अदेरवा, बेहटा, मोद्दिनपुर, अमरसुस, करौंदी, कोरारी कलन, कादेर पटारी में भी एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
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