हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1955 के अनुसार किसी भी संपत्ति के दो प्रकार के कानूनी उत्तराधिकारी होते हैं। जिसे वर्ग I और वर्ग II कहा जाता हैं। सबसे पहले किसी संपत्ति को वर्ग I कानूनी उत्तराधिकारी को दिया जाता हैं। जिसमे उस व्यक्ति के बेटा, बेटी आते हैं।
वहीं, द्वितीय श्रेणी के कानूनी उत्तराधिकारियों में अविवाहित व्यक्ति के बड़े-छोटे भाई, बहन आदि को रखा गया हैं। अगर कोई व्यक्ति सारी जिंदगी अविवाहित रहता हैं, तो उसकी संपत्ति पर पहला अधिकार उसके भाई और बहन का होता हैं।
कानून के मुताबिक अगर भाई अविवाहित मर गया है, तो भाई की संपत्ति का हिस्सा उसके जीवित भाइयों और बहनों को प्रदान करने का कानून है। वहीं इसके बाद भाई, बहन का बेटा, बेटी उस संपत्ति पर अपने कानूनी अधिकार का दावा कर सकता हैं।
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