यूपी में "पुश्तैनी जमीन" के बंटवारे के 5 नए नियम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में "पुश्तैनी जमीन" के बंटवारे के कुछ नए नियम लागू किये गए हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पारिवारिक विवाद को कम करने के लिए यूपी सरकार के द्वारा हाल ही में इस नियम को लागू किया गया हैं। जिसके तहत आप पैतृक संपत्ति का बंटवारा सिर्फ़ 5,000 रुपये में करा सकते हैं।

यूपी में "पुश्तैनी जमीन" के बंटवारे के 5 नए नियम। 

1 .कागजात की अनिवार्यता: पुश्तैनी जमीन के बंटवारे के लिए सभी संबंधित पक्षों को उचित कागजात जैसे कि वसीयत, खसरा, खतौनी आदि प्रस्तुत करने होंगे। 

2 .सहमति की आवश्यकता: सभी वारिसों की सहमति लेना अनिवार्य है। यदि कोई वारिस बंटवारे से असहमत है, तो उसकी सहमति के बिना बंटवारा नहीं किया जा सकेगा।

3 .राजस्व विभाग की भूमिका: बंटवारे की प्रक्रिया में राजस्व विभाग की निगरानी होगी। बंटवारे के बाद सभी नए खसरे और खतौनी राजस्व विभाग द्वारा अपडेट किए जाएंगे।

4 .विवाद समाधान प्रक्रिया: यदि बंटवारे के दौरान कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो उसके समाधान के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में संबंधित वारिसों और स्थानीय अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।

5 .रजिस्ट्री शुल्क : पुश्तैनी जमीन के बंटवारे के बाद सभी भाई अपने अपने नाम से जमीन के कागज तैयार कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ पांच हजार रुपये का खर्च आएगा। संपत्ति के बंटवारे के लिए, परिवार रजिस्टर की कॉपी या तहसील का प्रमाणपत्र ले जाना होगा

0 comments:

Post a Comment