बिहार में 'पुश्तैनी जमीन' के सर्वे कराने के 6 नियम

पटना: पुश्तैनी जमीन वह भूमि होती है जो परिवार में पीढ़ियों से चली आ रही होती है। इस जमीन पर किसी व्यक्ति क जन्म से अधिकार होता हैं। बिहार सरकार ने इस जमीन का सर्वे कराने के लिए कुछ नियम बनाये हैं। जिसके तहत आप इन जमीनों का सर्वे करा सकते हैं। 

बिहार में 'पुश्तैनी जमीन' के सर्वे कराने के 6 नियम। 

1 .बिहार में पुश्तैनी ज़मीन पर अपना स्वामित्व दिखाने के लिए वंशावली की ज़रूरत पड़ेगी। 

2 .सर्वे के दौरान ही पैतृक संपत्ति का बंटवारा किया जा सकता है। इसके लिए आपको सर्वे फॉर्म और वंशावली फॉर्म भरकर जमा करना होगा।

3 .बिहार में जिन लोगों के पास ज़मीन की ऑनलाइन रसीद है और वे उस पर कब्ज़ा कर रहे हैं, उन्हें कोई दस्तावेज़ दिखाने की ज़रूरत नहीं है। 

4 .सर्वे के लिए सिर्फ़ बातों वाला बंटवारा मान्य नहीं है। इसके लिए सभी भाइयों और बहनों के हस्ताक्षर वाला एक दस्तावेज़ देना होगा। 

5 .अगर किसी भाई की मृत्यु हो चुकी है, तो उसके सभी बच्चों के हस्ताक्षर ज़रूरी हैं। इसको लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जानकारी दी हैं।

.वंशावली में गलत जानकारी देना संभव नहीं होगा क्योंकि उसे सत्यापन के लिए दोबारा होने वाली ग्राम सभा में रखा जाएगा। इसलिए वंशावली में सही जानकारी दें।

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