खबर के अनुसार विभाग ने संदिग्ध सर्टिफिकेट वाले शिक्षकों को सही प्रमाणपत्र अपलोड करने का मौका दिया गया है। इन्हे चार नवंबर तक अपने पदस्थापन वाले जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी के यहां आवेदन देना होगा। इसके बाद इन्हे दस्तावेज की फिर से जांच की जाएगी।
आपको बात दें की इसके अलावा बिहार में जिन शिक्षकों का बायोमेट्रिक तो सत्यापित हुआ लेकिन आधार सत्यापन नहीं हुआ हैं या फिर जिनके नाम, पता या किसी अन्य चीजों में भिन्नता मिली हैं, इन्हे भी चार नवंबर तक आवेदन करने के निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल शिक्षा विभाग के अनुसार काउंसलिंग के दौरान जिन शिक्षकों का एक या एक से अधिक प्रमाणपत्र संदिग्ध पाया गया है, उन्हें सही प्रमाणपत्र अपलोड करने हेतु बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा सॉफ्टवेयर में विकल्प प्रदान किया गया है। इन सभी के दस्तावेजों की यहां जांच की जाएगी।
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