खबर के अनुसार बिहार के इस कमरौली गांव से 15 आईएएस बने हैं, जो पूरे बिहार के लिए सचमुच प्रेरणादायक है। यह गांव न केवल प्रशासनिक सेवाओं में उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि अगर शिक्षा और मेहनत के प्रति समर्पण हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।
बता दें की इस गांव के लोगों की मेहनत और संघर्ष ने इसे एक विशेष पहचान दी है। इस गांव की आबादी सिर्फ़ 5,500 है और यहां दो प्राथमिक स्कूल और एक हाईस्कूल है। इस गांव के रंधीर कुमार वर्मा इसरो में वैज्ञानिक हैं। जबकि बिहार सरकार के पूर्व मुख्य सचिव दीपक कुमार भी इसी गांव से थें।
दरअसल कमरौली गांव की यह विशेषता उसे अन्य गांवों से अलग बनाती है। यहां के कई परिवारों में एक से अधिक सदस्य प्रशासनिक सेवाओं में हैं, जो न केवल उनके लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा भी हैं। इस तरह की उपलब्धियाँ न केवल गांव का मान बढ़ाती हैं, बल्कि यह शिक्षा और समाज की प्रगति को भी दर्शाती हैं।
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