गन्ना किसानों के लिए समर्पित योजनाएं
प्रदेश में पंजीकृत 65 लाख गन्ना किसान और 46.5 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसान हैं, जिन्हें सरकार ने विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से लाभान्वित किया है। योगी सरकार द्वारा गन्ना मूल्य भुगतान, चीनी मिलों के आधुनिकीकरण, और इथनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने जैसे कदमों ने किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
इथनॉल उत्पादन को मिला बूस्ट
प्रदेश के 45 जिलों में 122 चीनी मिलें संचालित हो रही हैं, जिनमें से 96 निजी, 23 सहकारी और 3 निगम क्षेत्र की हैं। साथ ही, 285 खाण्डसारी इकाइयां और 65 कोजन इकाइयां भी कार्यरत हैं। सरकार ने इनमें से 52 मिलों का आधुनिकीकरण करवाया है और करीब 8 हजार किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता के साथ इथनॉल उत्पादन को तेज़ी से बढ़ाया है। इसका लाभ किसानों के साथ-साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी हुआ है।
रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण
चीनी उद्योग ने प्रदेश में लगभग 8.5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराया है। इसके साथ ही, 2024-25 में 1.09 लाख करोड़ रुपये का सकल मूल्य वर्धन (GVA) दर्ज किया गया है। यह आंकड़े बताते हैं कि गन्ना उद्योग न केवल किसानों की जिंदगी बदल रहा है बल्कि प्रदेश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
ऐतिहासिक गन्ना मूल्य भुगतान
योगी सरकार ने अब तक 2.80 करोड़ मीट्रिक टन से अधिक गन्ने का मूल्य भुगतान किया है। यह आंकड़ा 1995 से मार्च 2017 तक की सभी सरकारों द्वारा किए गए कुल भुगतान से 66 करोड़ रुपये अधिक है। इससे स्पष्ट है कि मौजूदा सरकार ने गन्ना किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित कर उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है।
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