नई नीति में शामिल कई अहम सुविधाएं
उत्तर प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों में आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम का गठन कर रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश में लगभग 6.12 लाख संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मी कार्यरत हैं। नई नीति का उद्देश्य इन कर्मचारियों को अधिक सुरक्षित और सशक्त बनाना है।
मानदेय और स्वास्थ्य सुविधाओं में भी सुधार
सरकार केवल मातृत्व अवकाश तक ही सीमित नहीं रहना चाहती। नीति के तहत संविदा और आउटसोर्स कर्मियों के मानदेय में वृद्धि और 5 लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने पर भी विचार किया जा रहा है। इससे कर्मचारियों की न केवल कार्य क्षमता बढ़ेगी, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।
एक सशक्त कदम महिला सशक्तिकरण की ओर
उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। इससे ना केवल महिलाओं को नौकरी के दौरान मातृत्व का सहयोग मिलेगा, बल्कि कार्यस्थल पर उनके अधिकार भी सुरक्षित होंगे। इस नई नीति से आउटसोर्स कर्मियों में भरोसा बढ़ेगा और प्रदेश की प्रशासनिक व स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता भी बेहतर होने की उम्मीद है।
महिला कर्मियों के लिए प्रमुख प्रावधान
1 .मातृत्व अवकाश: दो बच्चों तक महिला कर्मियों को 180 दिन का अवकाश मिलेगा। इस दौरान वेतन में कोई कटौती नहीं होगी।
2 .बीमारी की स्थिति में अवकाश: सामान्य बीमारी पर 91 दिन तक 70% वेतन के साथ छुट्टी की व्यवस्था भी की जा रही हैं। गंभीर बीमारी पर 124 से 309 दिन तक 80% वेतन के साथ अवकाश।
3 .मिसकैरेज पर राहत: यदि किसी महिला कर्मी का गर्भपात होता है, तो उसे 42 दिन की छुट्टी मिलेगी। महिला कर्मी और उनके परिवार को मुफ्त इलाज की सुविधा भी मिलेगी।
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