क्या है विशेष भूमि सर्वेक्षण?
यह सर्वेक्षण राज्य की भूमि व्यवस्था को पारदर्शी और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इसके तहत रैयतों को प्रपत्र-दो में स्वघोषणा पत्र जमा करना होता है, जिसमें वे अपनी ज़मीन की जानकारी, अधिकार, और अन्य ज़रूरी दस्तावेज़ देते हैं। इस प्रक्रिया से भूमि विवादों में कमी आएगी और सरकार को सही रिकॉर्ड तैयार करने में मदद मिलेगी।
ऑनलाइन और ऑफलाइन विकल्प उपलब्ध
रैयत अपने कागजात ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से या फिर स्थानीय बंदोबस्त कार्यालय में जाकर ऑफलाइन भी जमा कर सकते हैं। जिला बंदोबस्त पदाधिकारियों ने सभी रैयतों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द स्वघोषणा पत्र जमा करें ताकि समय पर सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो सके।
बिहार में जमीन रैयतों के लिए बड़ा लाभ
इस निर्णय से उन रैयतों को राहत मिली है जो किसी कारणवश पहले निर्धारित तिथि तक अपने दस्तावेज़ नहीं जमा कर सके थे। यह समय विस्तार भूमि के असली मालिकों को अपनी ज़मीन को वैध रूप से दर्ज कराने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है।
सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यह प्रक्रिया राज्य में भूमि सुधार और डिजिटल भू-अभिलेख प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी रैयतों से अनुरोध है कि वे समय रहते अपना स्वघोषणा पत्र भरकर, ज़रूरी कागजातों के साथ जमा करें।
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