इस डील की कीमत लगभग 63,000 करोड़ रुपये होने की जानकारी मिली है, जो अब तक फ्रांस के साथ भारत की सबसे बड़ी हथियार डील बन चुकी है। 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में इस सौदे को मंजूरी दी गई थी।
राफेल मरीन विमानों के विशेष फीचर्स
फ्रांस की विमान निर्माता कंपनी दसॉ एविएशन ने इन विमानों में भारत की आवश्यकताओं के अनुसार कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इनमें एंटी शिप स्ट्राइक की क्षमता, न्यूक्लियर हथियार लॉन्च करने की क्षमता और 10 घंटे तक फ्लाइट रिकॉर्ड करने जैसी विशेषताएँ शामिल हैं। इसके अलावा, कंपनी भारत को आवश्यक हथियार प्रणाली, स्पेयर पार्ट्स और एयरक्राफ्ट के जरूरी टूल्स भी प्रदान करेगी।
बता दें की इन विमानों का प्रमुख उपयोग भारत के विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनाती के लिए किया जाएगा। इन विमानों के द्वारा भारत अपनी समुद्री सुरक्षा को और अधिक मजबूत करेगा और अपनी सामरिक क्षमताओं को बढ़ाएगा।
विमानों की डिलीवरी 2028-29 से शुरू होगी
रिपोर्ट्स के अनुसार, इन विमानों की डिलीवरी 2028-29 में शुरू होगी और 2031-32 तक सभी विमान भारत को मिल जाएंगे। यह डील भारत के रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी और भारतीय सैन्य शक्ति को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
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