केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेंगे 42 दिन की अतिरिक्त छुट्टी

नई दिल्ली: आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में इंसानियत की मिसाल देने के लिए कभी-कभी हमें बड़े फैसले लेने पड़ते हैं। ऐसे ही एक निर्णय ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं, जिनके लिए सरकार ने एक बड़ी राहत प्रदान की है। अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी अपना अंग दान करता है, तो उसे 42 दिन की विशेष छुट्टी (Special Casual Leave - SCL) दी जाएगी।

कब से लागू हुआ यह निर्णय?

यह निर्णय 2023 में केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा लिया गया था। मंत्रालय ने इस पहल को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि किसी भी केंद्रीय कर्मचारी को अंगदान करने पर 42 दिन की छुट्टी दी जाएगी। इसमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि कर्मचारी कितनी बड़ी या छोटी सर्जरी से गुजर रहा है, बल्कि यह भी कि ऑपरेशन से पहले की अवधि भी आराम के लिए ली जा सकती है। यह एक विशेष अवसर है, जहां कर्मचारी को सर्जरी से पहले और बाद में आराम करने का पर्याप्त समय मिलता है, ताकि वह अपनी सेहत का ध्यान रख सके और जल्दी ठीक हो सके।

कैसे काम करेगा यह सिस्टम?

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह छुट्टी अस्पताल में भर्ती होने के दिन से ही शुरू मानी जाएगी। यदि किसी कर्मचारी को ऑपरेशन से पहले आराम की सलाह दी जाती है, तो वह एक हफ्ते पहले से छुट्टी ले सकता है। यह छुट्टी न केवल कर्मचारी को अपनी सेहत सुधारने का मौका देती है, बल्कि इसके साथ ही उसका कामकाजी जीवन भी प्रभावित नहीं होता, क्योंकि उसे अपने मेडिकल मामलों को हल करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।

क्या है इसका महत्व?

अंगदान एक नेक कार्य है, जो न केवल एक जीवन को बचाता है, बल्कि समाज में इंसानियत की भावना को भी प्रगाढ़ करता है। बहुत से लोग अंगदान करने की इच्छा रखते हैं, लेकिन वे अक्सर इस डर से पीछे हट जाते हैं कि कहीं उनका मेडिकल लीव खत्म न हो जाए या सैलरी में कटौती हो। अब सरकार ने इस निर्णय के जरिए स्पष्ट कर दिया है कि जो लोग इस नेक कार्य के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, उन्हें पूरा समर्थन मिलेगा। यह सरकार का एक बड़ा कदम है, जो समाज में अंगदान को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है।

क्यों है यह फैसला जरूरी?

अंगदान करने वाले व्यक्ति की रिकवरी का समय कई बार लंबा हो सकता है। ऑपरेशन के बाद शरीर को ठीक होने में समय लगता है, और अगर वह व्यक्ति अपनी नौकरी के तनाव और जिम्मेदारियों में डूबा रहता है, तो उसकी पूरी रिकवरी नहीं हो पाती। सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अंगदाता को पूरा समय दिया जाएगा, ताकि वह अपनी सेहत पर ध्यान दे सके। यह फैसला न केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा संदेश है कि हम इंसानियत दिखाने वाले लोगों का सम्मान करते हैं और उन्हें सहयोग देते हैं।

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