विदेशी निवेश के लिए चीन ग्लोबल लीडर
अमेरिका में चीन के राजदूत शी फेंग ने इस रिपोर्ट को साझा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, "चीन को गले लगाना यानी अवसरों को गले लगाना है। चीन पर विश्वास करना यानी बेहतर कल पर विश्वास करना है। चीन में निवेश करना भविष्य में निवेश करना है।"
ग्लोबल निवेशकों का चीन पर भरोसा कायम
रिपोर्ट के मुताबिक, 84% वैश्विक निवेशकों का मानना है कि अगले तीन सालों में एफडीआई का स्तर और बढ़ेगा। ये आंकड़े उस भरोसे को दर्शाते हैं जो वैश्विक निवेशक अब भी चीन की नीतियों, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थिरता पर जताते हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में निवेश में कुछ हद तक गिरावट आ सकती है, लेकिन समग्र रूप से निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।
भारत के लिए संकेत: प्रतिस्पर्धा कड़ी होती जा रही है
भारत भले ही उभरते बाजारों की सूची में टॉप 5 में शामिल हो, लेकिन चीन, UAE, सऊदी अरब और ब्राजील से पिछड़ जाना संकेत देता है कि भारत को अपनी रणनीतियों पर फिर से गौर करने की ज़रूरत है। निवेशकों के लिए स्पष्ट नियम, लॉजिस्टिक सुधार, और राजनीतिक स्थिरता जैसी चीज़ें अब निर्णायक भूमिका निभा रही हैं।
उभरते बाजारों की टॉप रैंकिंग (2025):
उभरते बाजारों की टॉप रैंकिंग में चीन पहले नंबर पर कायम हैं। वहीं इस लिस्ट में संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब, ब्राजील, भारत, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, पोलैंड और अर्जेंटीना शामिल हैं। चीन ने अपने एफडीआई फ्रेंडली माहौल से दुनिया को फिर से प्रभावित किया है
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