1. ज़मीन का खसरा-खतौनी और रजिस्ट्रेशन जांचें
सबसे पहले ज़मीन का खसरा-खतौनी (भूमि अभिलेख) देखें। इससे आपको पता चलेगा कि जमीन किसके नाम पर दर्ज है और क्या वह व्यक्ति उसका असली मालिक है या नहीं।
जांचें: ज़मीन सरकारी तो नहीं? उस पर कोई कानूनी विवाद या बंधक तो नहीं है? आप upbhulekh.gov.in पर ऑनलाइन रिकॉर्ड भी देख सकते हैं।
2. नक्शा और भूमि उपयोग (Land Use) की पुष्टि करें
जिस जमीन को आप खरीदने जा रहे हैं, वह किस श्रेणी में आती है – खेती योग्य, आवासीय, वाणिज्यिक या औद्योगिक? अक्सर लोग खेती की जमीन पर मकान बनाने की सोचते हैं, लेकिन ऐसा करना गैरकानूनी हो सकता है अगर ज़मीन का भूमि उपयोग बदला न गया हो।
3. विक्रेता की पहचान और वैधता की जांच करें
बाजार में फर्जी मालिक बनकर ज़मीन बेचने की घटनाएं आम हैं। ज़मीन बेचने वाले की पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो आदि) की जांच करें। यदि जमीन किसी विरासत में मिली है, तो सभी उत्तराधिकारियों की सहमति और दस्तावेज़ी अनुमति भी जरूरी होती है।
4. एनओसी और स्थानीय अनुमतियां प्राप्त करें
कई बार जमीन पर निर्माण या उपयोग के लिए स्थानीय निकाय (नगर निगम/ग्राम पंचायत) की मंजूरी जरूरी होती है। ज़रूरी एनओसी जैसे: नगर निगम की मंजूरी, जल निकासी और बिजली की एनओसी, पर्यावरणीय मंजूरी (कुछ मामलों में)
5. बिक्री समझौता और रजिस्ट्री की प्रक्रिया सही तरीके से करें
बाय एग्रीमेंट (Sale Agreement) से लेकर रजिस्ट्री (Sale Deed Registration) तक का हर कदम कानूनी तरीके से करें। रजिस्ट्री ऑफिस में जाकर ही रजिस्ट्री कराएं। स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस समय पर जमा करें। वकील या रजिस्टर्ड रियल एस्टेट एजेंट से सलाह ज़रूर लें।
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