समंदर की गहराई से मार करने वाली मिसाइल
K-5 मिसाइल की सबसे खास बात यह है कि इसे पनडुब्बी से दागा जाता है, जिससे यह दुश्मन की नज़रों से बचते हुए अचानक हमला करने की क्षमता रखती है। भारतीय नौसेना की अरिहंत क्लास और भविष्य की S-5 क्लास सबमरीन्स पर इसे तैनात किया जा रहा है। इस मिसाइल को पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा तैयार किया गया है।
वॉरहेड की क्षमता और तकनीक
K-5 मिसाइल में लगभग 2,000 किलोग्राम वजनी वॉरहेड ले जाने की क्षमता है। यह वॉरहेड पारंपरिक भी हो सकता है और परमाणु भी, जो इसे दुश्मन के लिए और भी खतरनाक बनाता है। साथ ही इसमें भविष्य में MIRV (Multiple Independently targetable Reentry Vehicle) तकनीक जोड़ने की योजना है, जिससे एक ही मिसाइल कई लक्ष्यों पर एक साथ वार कर सकती है।
भारत की समुद्री सुरक्षा को नई ताकत
K-5 मिसाइल की मारक क्षमता और गुप्त लॉन्चिंग टेक्नोलॉजी के कारण भारत की सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी को जबरदस्त मजबूती मिलती है। इसका मतलब है कि अगर दुश्मन पहला हमला करता है, तो भी भारत समुद्र से जवाबी हमला कर सकता है। इससे भारत की न्यूक्लियर ट्रायड—थल, वायु और जल से परमाणु हमले की क्षमता—संपूर्ण हो जाती है।
चीन की चिंता बढ़ी, चीनी मीडिया में चर्चा
भारत की इस तकनीकी छलांग से बीजिंग में चिंता की लहर है। चीन के सामरिक विशेषज्ञ इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि भारत की पनडुब्बियों से लॉन्च होने वाली लंबी दूरी की मिसाइलें पूरे एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदल सकती हैं।
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