संशोधित नियमावली में किया गया बड़ा बदलाव
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की संशोधित नियमावली को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसके अनुसार, कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे अधिक अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा और अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचा जा सकेगा। अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी ने पुष्टि की है कि भर्ती संशोधित नियमों के आधार पर ही की जाएगी।
कला विषय में बीएफए (BFA) वालों को बड़ी राहत
पहले कला या ललित कला विषय में शिक्षक बनने के लिए स्नातक डिग्री के साथ बीएड (B.Ed.) अनिवार्य था। लेकिन अब ललित कला (BFA) की डिग्री रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए बीएड को अनिवार्यता से हटा दिया गया है। हालांकि बीएड करने वालों को वरीयता दी जाएगी, लेकिन जिनके पास बीएफए की डिग्री है, वे भी अब एलटी ग्रेड शिक्षक बन सकेंगे।
एलटी हिंदी में अब उत्तर मध्यमा करने वाले भी होंगे पात्र
हिंदी विषय के सहायक अध्यापक पद के लिए भी नियमों में बदलाव किया गया है। अब ऐसे अभ्यर्थी जो: स्नातक में हिंदी विषय के साथ उत्तीर्ण हों, इंटरमीडिएट में संस्कृत एक विषय के रूप में पढ़ी हो या उत्तर मध्यमा कोर्स किया हो,और साथ में बीएड की डिग्री रखते हों – वे एलटी हिंदी शिक्षक पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। पहले इस पद के लिए इंटरमीडिएट में संस्कृत और स्नातक में हिंदी विषय के साथ-साथ बीएड अनिवार्य था। इस संशोधन से संस्कृत माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी अवसर मिलेगा।
समकक्षता शब्द हुआ बाहर
नई नियमावली में "समकक्षता" शब्द को पूरी तरह हटा दिया गया है। इससे बार-बार होने वाली कानूनी उलझनों और मुकदमेबाजी से राहत मिलेगी, जिससे भर्ती प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी की जा सकेगी। जल्द ही भर्ती से संबंधित नोटिश जारी होगा।
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