यूपी में अब इन कर्मचारियों को मिलेगा पुरानी पेंशन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने 2006 बैच के 187 खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को पुरानी पेंशन योजना का तोहफा दिया है। इस कदम को लेकर शासन की ओर से एक महत्वपूर्ण आदेश 28 मार्च 2025 को जारी किया गया है। इस निर्णय ने उन कर्मचारियों को राहत दी है, जिनका चयन 2003 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञापन के आधार पर हुआ था, लेकिन चयन प्रक्रिया में देरी के कारण उनका कार्यभार 2006 से 2007 के बीच लिया गया था।

पेंशन योजना का इतिहास

भारत में पेंशन व्यवस्था में कई बदलाव हुए हैं। 2004-05 में केंद्र सरकार ने एक नई पेंशन योजना (National Pension System - NPS) लागू की थी, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के लिए एक स्थिर और सुरक्षित पेंशन का प्रबंध करना था। इस नई योजना के तहत, कर्मचारियों का पेंशन अंशदान आधारित होता है, जिसमें कर्मचारी और सरकार दोनों मिलकर योगदान करते हैं। लेकिन पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme - OPS) के अंतर्गत कर्मचारी को पेंशन एक निर्धारित राशि के रूप में मिलती थी, जो उनके सेवा काल के दौरान वेतन के आधार पर तय होती थी।

आदेश और उसका महत्व

28 जून 2024 को यूपी सरकार ने एक शासनादेश जारी किया था, जिसमें यह कहा गया था कि उन सभी कार्मिकों को पुरानी पेंशन का विकल्प दिया जाएगा, जिनका चयन उन पदों के लिए हुआ था, जिनका विज्ञापन 28 मार्च 2005 से पहले हुआ था, हालांकि उनका कार्यभार 1 अप्रैल 2005 के बाद लिया गया था। इसके बाद, संबंधित मंडलीय और जनपदीय अधिकारियों ने शिक्षा निदेशालय को इस पर अपनी संस्तुति भेजी थी।

बीईओ के मामले में, इन अधिकारियों का चयन 12 जुलाई 2003 को यूपीपीएससी द्वारा हुआ था, लेकिन उन्हें कार्यभार 2006 से 2007 के बीच दिया गया। शासनादेश के आधार पर इन अधिकारियों को पुरानी पेंशन की स्वीकृति मिली है, जो उनके सेवा इतिहास को ध्यान में रखते हुए एक न्यायसंगत कदम माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश का यह निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल उन 187 खंड शिक्षा अधिकारियों के लिए राहत लाता है, बल्कि अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक संदेश है कि सरकार अपनी नीतियों में परिवर्तन करते हुए कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखती है।

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