नई गाइडलाइन का उद्देश्य
नई गाइडलाइन के तहत, शहरी क्षेत्रों में स्थित कृषि भूमि पर बिना अनुमति के कोई भी निर्माण नहीं किया जा सकेगा। यह कदम अवैध आवासीय और व्यावसायिक निर्माण की बढ़ती समस्या को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, जो अक्सर विकास प्राधिकरण की अनदेखी और सरकारी नियमों की अनदेखी के कारण बढ़ते जा रहे थे। इससे न केवल पर्यावरणीय संतुलन पर असर पड़ रहा था, बल्कि शहरी योजनाओं में भी अव्यवस्था उत्पन्न हो रही थी।
निर्माण के लिए एनओसी जरूरी
नई गाइडलाइन के तहत, कृषि भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण करने से पहले संबंधित जिले के विकास प्राधिकरण से अनिवार्य रूप से "नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट" (NOC) प्राप्त करना होगा। यह एनओसी यह सुनिश्चित करेगा कि निर्माण कार्य नियमों के तहत हो रहा है और यह शहरी योजनाओं के अनुरूप है। बिना एनओसी के निर्माण कार्य करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भूमाफियाओं पर कड़ी नजर
सरकार की यह गाइडलाइन भूमि माफियाओं को कड़ा संदेश देती है, जो कृषि भूमि का अवैध रूप से उपयोग करके उसे आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाओं के रूप में बदलते हैं। ये माफिया कभी-कभी किसानों को लालच देकर कृषि भूमि का गलत तरीके से उपयोग करने के लिए प्रेरित करते हैं। यह समस्या केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि समग्र रूप से राज्य की विकास योजनाओं और भूमि उपयोग के नियमन को प्रभावित करती है।
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