नए निगम के गठन से कर्मचारियों को लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार ने इन कर्मियों की समस्याओं को गंभीरता से लिया है और इनका समाधान करने के लिए आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया है। इस निगम का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के शोषण को समाप्त करना और उन्हें उचित लाभ सुनिश्चित करना है। निगम में शामिल होने वाले कर्मचारियों को समय पर मानदेय मिलेगा और उनके ईपीएफ तथा ईएसआइ खातों में नियमित रूप से धन जमा किया जाएगा। इसके साथ ही, कर्मचारियों को अन्य लाभ जैसे कि स्वास्थ्य सेवा, पेंशन, और महिला कर्मचारियों को प्रसूति अवकाश जैसी सुविधाएं भी प्राप्त होंगी।
निगम द्वारा कर्मचारियों को एक निश्चित तारीख को मानदेय दिया जाएगा, जिससे वे वित्तीय परेशानियों से बच सकेंगे। इसके अलावा, अगर कोई कर्मचारी दुर्घटना में मारा जाता है, तो उसके परिवार को 2.5 लाख रुपये से लेकर 7 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलेगा। 60 वर्ष की आयु के बाद, कर्मचारियों को सेवा अवधि के आधार पर पेंशन मिलेगी, जो 1000 रुपये से लेकर 7500 रुपये प्रति माह हो सकती है।
विधवा और अविवाहित कर्मचारियों के लिए पेंशन
निगम द्वारा यह भी सुनिश्चित किया गया है कि यदि कोई कर्मचारी असमय मृत्यु को प्राप्त करता है, तो उसके परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। विधवाओं को आजीवन पेंशन दी जाएगी, जो 1000 रुपये से लेकर 2900 रुपये तक हो सकती है। अविवाहित कर्मचारियों की मृत्यु पर उनके माता-पिता को भी पेंशन का लाभ मिलेगा।
स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य कई तरह के लाभ भी मिलेंगे
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों और उनके परिवार को ईएसआइ अस्पतालों में निशुल्क इलाज की सुविधा भी मिलेगी, जिससे वे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आर्थिक दबाव महसूस नहीं करेंगे। यह सुविधा कर्मचारियों की स्वास्थ्य देखभाल को सुनिश्चित करेगी और उनके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगी।
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