बिहार शिक्षा विभाग का सख्त आदेश, टीचरों की बढ़ी टेंशन!

पटना: बिहार शिक्षा विभाग ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे राज्यभर के शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। विभाग के इस फैसले ने स्कूलों में कामकाजी माहौल और टीचरों के तनाव को लेकर चर्चाएं तेज कर दी हैं।

6:30 से 11:00 बजे तक स्कूलों का निरीक्षण:

शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव ने एक आदेश जारी करते हुए सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों को सुबह 6:30 से 11:00 बजे तक स्कूलों का गहन निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। इस दौरान, अधिकारी स्कूलों का दौरा करेंगे, छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति जांचेंगे, और स्कूलों की समग्र स्थिति का मूल्यांकन करेंगे।

ऑनलाइन रिपोर्टिंग और निगरानी:

आदेश के मुताबिक, सभी अधिकारी निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट को ई-शिक्षा कोष ऐप पर अपलोड करेंगे। इस कदम से शिक्षा विभाग को स्कूलों की वास्तविक स्थिति का डेटा मिलेगा, जो उन्हें योजनाओं को बेहतर बनाने में मदद करेगा। रिपोर्टिंग प्रक्रिया को डिजिटल बनाने से समय की बचत होगी और शिक्षा विभाग को किसी भी गलत जानकारी से बचने में सहायता मिलेगी।

टीचरों के लिए बढ़ी चुनौती:

इस आदेश से जहां एक ओर शिक्षा विभाग को सुधार लाने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर यह शिक्षकों के लिए एक नई चुनौती बनकर सामने आया है। टीचर्स को अब न केवल अपनी कक्षाओं के लिए तैयारी करनी होगी, बल्कि उन्हें अधिकारियों के निरीक्षण के लिए भी पूरी तरह से तैयार रहना होगा।

इससे पहले भी बिहार में शिक्षा विभाग ने कई ऐसे प्रयास किए हैं जिनका उद्देश्य स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है, लेकिन इस बार अधिकारियों की सुबह के समय में निरीक्षण के आदेश ने एक नई दिशा दी है। अधिकारियों के निरीक्षण से टीचर्स पर अतिरिक्त दबाव बनेगा, क्योंकि उन्हें अपनी कक्षाओं के साथ-साथ स्कूल की समग्र स्थिति को भी बेहतर बनाने का प्रयास करना होगा।

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