यूपी में रहने वालों के लिए सरकार का बड़ा फैसला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे राज्य की हाईटेक और इंटीग्रेटेड टाउनशिप में रहने वाले लाखों लोगों को अब हाउस टैक्स और वाटर टैक्स देना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को अपनी कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी। इसके बाद से, इन टाउनशिप्स में रह रहे लोगों से हाउस टैक्स और वाटर टैक्स वसूलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

क्या है नया आदेश?

हाईटेक और इंटीग्रेटेड टाउनशिप में रहने वाले लोग अब तक हाउस टैक्स और वाटर टैक्स से बच रहे थे, क्योंकि इन टाउनशिप्स को नगर निकायों को हैंडओवर नहीं किया गया था। लेकिन अब राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है कि इन टाउनशिप्स में रहने वालों से टैक्स लिया जाएगा, भले ही ये परियोजनाएं नगर निगमों या पालिका परिषदों को हैंडओवर न की गई हों। इस फैसले के बाद नगर निकाय इन क्षेत्रों में रहने वालों से हाउस टैक्स और वाटर टैक्स वसूल सकेंगे।

क्या है हाउस टैक्स और वाटर टैक्स?

हाउस टैक्स और वाटर टैक्स नगर निकायों के लिए महत्वपूर्ण आय स्रोत हैं। इन टैक्सों के जरिए स्थानीय सरकारें अपनी सेवाओं को बेहतर बना सकती हैं, जैसे सड़क निर्माण, सफाई, जल आपूर्ति, और अन्य बुनियादी सुविधाएं। अब तक इन टाउनशिप्स में रहने वाले लोग इन सुविधाओं का उपयोग कर रहे थे, लेकिन टैक्स न देने की वजह से स्थानीय प्रशासन को आय में कमी हो रही थी।

क्या है यूपी सरकार की नई टाउनशिप नीति?

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में 2023 में उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति जारी की थी, जिसके तहत राज्य में हाईटेक और इंटीग्रेटेड टाउनशिप्स की योजना को बढ़ावा दिया जा रहा था। इन टाउनशिप्स में आवासीय और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के निर्माण के लिए सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन नगर निकायों को टैक्स वसूलने के लिए यह जरूरी था कि ये टाउनशिप्स उन्हें हैंडओवर की जाएं। इस नीति के तहत अब यह व्यवस्था की गई है कि जब तक इन टाउनशिप्स को नगर निकायों को हैंडओवर नहीं किया जाएगा, तब तक इनसे टैक्स वसूला जाएगा।

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