गगनचुंबी इमारतें और ग्रामीण उद्योगों
नई उपविधि के तहत 45 मीटर या उससे ज्यादा चौड़ी सड़कों पर अब बहुमंजिला गगनचुंबी इमारतें बनाई जा सकेंगी। वहीं गांवों में 7 मीटर चौड़े मार्गों पर भी अब औद्योगिक इकाइयों की स्थापना संभव हो सकेगी। इससे न केवल ग्रामीण विकास को बल मिलेगा, बल्कि शहरीकरण का लाभ भी दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचेगा।
एफएआर बढ़ेगा, सेटबैक घटेगा
कम जगह में अधिक निर्माण की सुविधा देने के लिए सरकार भू-आच्छादन (Ground Coverage) और फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) को बढ़ा रही है। इसके साथ ही सेटबैक (निर्माण से भूमि सीमा की दूरी) की अनिवार्यता को भी कम किया जाएगा। इसका लाभ उन लोगों को मिलेगा जो सीमित भूखंड पर अधिक निर्माण करना चाहते हैं।
भवन निर्माण उपविधि-2008 की जगह नया प्रारूप
सरकार ने 18 वर्ष पुरानी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 को हटाकर भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 का प्रारूप तैयार किया है। बढ़ती आबादी और शहरीकरण की जरूरतों को देखते हुए इस नए प्रारूप में कई सहूलियतें दी जा रही हैं। सरकार का उद्देश्य कम जमीन पर अधिक से अधिक आवासीय और व्यावसायिक विकास सुनिश्चित करना है।
सुझाव आमंत्रित, जल्द लागू हो सकती है उपविधि
राज्य सरकार ने प्रस्तावित उपविधि को लागू करने से पहले जनता से सुझाव और आपत्तियाँ मांगी हैं। कोई भी नागरिक आगामी 15 दिनों में मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक को अपने सुझाव लिखित रूप में भेज सकता है। इन सुझावों के आधार पर अंतिम मसौदा तैयार किया जाएगा, जिसे अगले माह कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो जल्द ही यह उपविधि लागू होकर हजारों भूखंड स्वामियों को भवन निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों की शुरुआत के लिए नई राह देगी।
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