यूपी होगा मालामाल, जमीन के नीचे मिला खनिज का भंडार!

झांसी। उत्तर प्रदेश की धरती एक बार फिर समृद्ध खनिज संपदा को लेकर चर्चा में है। बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी जिले की मऊरानीपुर तहसील के बड़ागांव क्षेत्र में लौह अयस्क (Iron Ore) होने के संकेत मिले हैं। इस अहम जानकारी के बाद भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की टीम मौके पर पहुंची और क्षेत्र में जियोलॉजिकल सर्वे करते हुए मिट्टी के नमूने इकट्ठा किए। नमूनों को जांच के लिए लखनऊ की प्रयोगशाला में भेजा गया है।

रिपोर्ट की पुष्टि के बाद विभाग ड्रिलिंग प्रक्रिया शुरू करेगा। यदि लौह अयस्क की मौजूदगी की पुष्टि होती है, तो यह क्षेत्र खनन के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण बन सकता है। लगभग एक वर्ग किलोमीटर में फैले इस क्षेत्र में खनन की संभावनाएं झांसी जनपद की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने के साथ-साथ स्थानीय रोजगार के नए द्वार खोल सकती हैं।

बदल सकता है झांसी का राजस्व मॉडल

वर्तमान में झांसी जिले में बालू घाट और क्रशर ही राजस्व के मुख्य स्रोत हैं। लेकिन लौह अयस्क खनन शुरू होने से न केवल सरकारी राजस्व में इजाफा होगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इससे राज्य की तरक्की होगी।

बुंदेलखंड: खनिज संपदा से समृद्ध इलाका

यह पहला मौका नहीं है जब झांसी मंडल में बेशकीमती खनिजों की मौजूदगी पाई गई हो। पास के ललितपुर जिले में पहले ही ग्रेनाइट, सेंड स्टोन, रॉक फॉस्फेट, स्वर्ण धातु और लौह अयस्क जैसे खनिजों की खोज हो चुकी है। यहां रॉक फॉस्फेट के ब्लॉकों के लिए टेंडर जारी किया जा चुका है, और गिरार क्षेत्र में लौह अयस्क की खदान के लिए भी प्रक्रिया शुरू हो गई है।

खनन से जुड़े विकास की नई उम्मीदें

बुंदेलखंड को अक्सर सूखा और पिछड़ेपन के प्रतीक के तौर पर देखा जाता रहा है, लेकिन इस तरह की खनिज खोजें क्षेत्र को विकास के नए नक्शे पर लाने की क्षमता रखती हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यदि यह संभावना हकीकत में बदलती है, तो झांसी और आस-पास के इलाकों के लिए यह एक आर्थिक क्रांति साबित हो सकती है।

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