नए पाठ्यक्रम में क्या है खास?
बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने हाल ही में 'शिक्षा की बात हर शनिवार' के एक एपिसोड में इस नए पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मई के दूसरे सप्ताह में इस पाठ्यक्रम का कैलेंडर जारी किया जाएगा। यह पाठ्यक्रम विशेष रूप से कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के बच्चों के लिए तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम को एससीईआरटी (State Council of Educational Research and Training) के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, ताकि सभी स्कूल इसे डाउनलोड कर सकें और इसे प्रभावी तरीके से लागू कर सकें।
स्किल ट्रेनिंग और पर्सनालिटी डेवलपमेंट को बढ़ावा
इस बार बैगलेस शनिवार के कार्यक्रम में न केवल खेल गतिविधियाँ शामिल की गई हैं, बल्कि स्किल ट्रेनिंग और पर्सनालिटी डेवलपमेंट जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियाँ भी जोड़ी गई हैं। इसके माध्यम से छात्रों को न सिर्फ बुनियादी शिक्षा मिलेगी, बल्कि उन्हें जीवन में सफलता पाने के लिए आवश्यक कौशल और आत्मविश्वास भी मिलेगा। एससीईआरटी के अनुसार, इस पाठ्यक्रम में छात्रों की मानसिक और शारीरिक विकास के लिए विशेष ध्यान दिया गया है।
नवमी से 12वीं तक स्वैच्छिक रूप से लागू
इस कार्यक्रम के तहत नवमी से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए बैगलेस शनिवार कार्यक्रम को स्वैच्छिक रखा गया है। हालांकि, कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए यह अनिवार्य किया गया है। पिछले साल इस कार्यक्रम को राज्य के 72,000 से अधिक स्कूलों में लागू किया गया था, और अब इसे नए पाठ्यक्रम के साथ और भी प्रभावी बनाने की योजना बनाई गई है।
स्थानीय भाषाओं और संस्कृति का समावेश
नई शिक्षा नीति के तहत इस पाठ्यक्रम में स्थानीय भाषाओं और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। इससे छात्रों को अपनी क्षेत्रीय संस्कृति को समझने और उसमें निपुणता प्राप्त करने का मौका मिलेगा। साथ ही, यह पहल बच्चों में स्थानीय पहचान और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देगी।
सफल कार्यान्वयन के लिए मानिटरिंग प्रणाली
नए पाठ्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए शिक्षा विभाग ने स्कूल स्तर पर मानिटरिंग व्यवस्था भी शुरू करने की योजना बनाई है। इसके तहत स्कूलों में नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा ताकि पाठ्यक्रम को सही तरीके से लागू किया जा सके और छात्रों को उसकी पूरी जानकारी मिल सके।
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