दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मौजूदगी में इस समझौते पर अंतिम मुहर लगी। इस रणनीतिक सहयोग से न केवल भारत की समुद्री सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि यह चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए भी एक कड़ा संदेश है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं।
क्या है इस डील में खास?
इस डील के तहत भारत को 22 सिंगल सीटर और 4 डबल सीटर Rafale-M विमान मिलेंगे। ये सभी विमान भारतीय नौसेना के लिए होंगे और विशेष रूप से विमानवाहक पोत INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य से उड़ान भरने में सक्षम होंगे। Rafale-M की खासियत यह है कि यह समुद्री वातावरण के अनुसार तैयार किया गया है और किसी भी मौसम में ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम है।
नौसेना को मिलेगा ताकतवर हथियार
Rafale-M की तैनाती से भारतीय नौसेना को हवा से हवा और हवा से जमीन पर सटीक मार करने की क्षमता मिलेगी। यह विमान न केवल तकनीकी रूप से एडवांस है, बल्कि इसमें अत्याधुनिक हथियार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और लॉन्ग-रेंज मिसाइलें भी शामिल हैं।
भारत के इस डील से रणनीतिक संदेश
यह डील ऐसे समय पर हुई है जब हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की मौजूदगी लगातार बढ़ रही है और पाकिस्तान भी ड्रोन व मिसाइल तकनीक के जरिए अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में भारत का यह कदम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और रणनीतिक साझेदारी की दिशा में एक बड़ा संकेत है।
फ्रांस-भारत रक्षा संबंधों में एक और नया अध्याय
यह डील भारत-फ्रांस दोनों देशों के बीच मजबूत होते रक्षा संबंधों को भी दर्शाती है। इससे पहले भारत ने वायुसेना के लिए भी 36 Rafale फाइटर जेट फ्रांस से ही खरीदे थे, जो अब देश की वायु शक्ति का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। इससे भारत की ताकत में जबरदस्त वृद्धि होगी।
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