सरकारी आंकड़ों और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत अब उन देशों को टारगेट कर रहा है जो पहले रूस से हथियार खरीदते थे, लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद उनकी प्राथमिकताएं बदल गई हैं। ऐसे में भारत उनके लिए एक नया और भरोसेमंद विकल्प बनकर उभर रहा है।
सस्ता लोन, लंबी अवधि – भारत का ऑफर
भारत अब सिर्फ हथियार ही नहीं बेच रहा, बल्कि उन्हें खरीदने के लिए आकर्षक फाइनेंसिंग विकल्प भी दे रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार EXIM बैंक (एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक) के ज़रिए हथियार खरीदने वाले देशों को कम ब्याज पर लॉन्ग टर्म लोन दे रही है। मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है कि भारत का यह कदम खासतौर पर उन देशों को ध्यान में रखकर उठाया गया है जिनकी क्रेडिट रेटिंग खराब है, राजनीतिक अस्थिरता है या लोन चुकाने का पिछला रिकॉर्ड बेहतर नहीं रहा।
2029 तक एक्सपोर्ट दोगुना करने का टारगेट
सरकार का लक्ष्य है कि 2029 तक भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट दोगुना हो जाए। इसके लिए नीति आयोग, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय मिलकर रणनीति तैयार कर रहे हैं। रक्षा निर्माण में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने और देशी कंपनियों को वैश्विक बाज़ार से जोड़ने के लिए लगातार नए समझौते किए जा रहे हैं।
रूस -यूक्रेन युद्ध बना टर्निंग पॉइंट
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने वैश्विक हथियार बाज़ार में बड़ा बदलाव ला दिया है। कई देश जो अब तक रूस पर निर्भर थे, अब नए विकल्प तलाश रहे हैं। भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर बन गया है। भारत के पास तकनीक भी है, उत्पादन क्षमता भी और अब फाइनेंसिंग मॉडल भी।
भारत का बढ़ता डिफेंस डिप्लोमेसी
भारत अब डिफेंस डिप्लोमेसी के ज़रिए वैश्विक मंच पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। कई देशों के साथ द्विपक्षीय समझौते किए जा चुके हैं, और HAL, Bharat Dynamics, और BEL जैसी कंपनियां विदेशों में हथियार निर्यात के नए कॉन्ट्रैक्ट हासिल कर रही हैं।
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