यूपी के सभी शहरों में म्यूटेशन फीस होगी एक जैसी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में म्यूटेशन प्रक्रिया को लेकर आम नागरिकों को जल्द ही बड़ी राहत मिलने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के सभी शहरी निकायों में म्यूटेशन फीस को एक समान कर दिया जाएगा। इस फैसले का उद्देश्य प्रशासनिक पारदर्शिता लाना और आम जनता को अनावश्यक आर्थिक बोझ से बचाना है।

बता दें की नगर विकास विभाग इस बदलाव को लागू करने के लिए उपविधियों में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। अब तक राज्य के अलग-अलग शहरों में म्यूटेशन की फीस में भारी अंतर देखने को मिलता था, जिससे न केवल भ्रम की स्थिति बनती थी बल्कि नागरिकों को आर्थिक रूप से भी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

क्या होगी म्यूटेशन फीस

नए नियम के तहत, अगर कोई व्यक्ति वसीयत के जरिए संपत्ति अपने नाम कराना चाहता है, तो उसे अधिकतम ₹5000 की म्यूटेशन फीस देनी होगी। वहीं, सेल डीड या गिफ्ट के जरिए संपत्ति का स्थानांतरण कराने पर अधिकतम ₹10,000 का शुल्क लगेगा। इससे अधिक कोई भी निकाय फीस नहीं वसूल सकेगा, चाहे संपत्ति का मूल्य कुछ भी हो।

अब तक हर शहर में अलग-अलग थी फीस

वर्तमान व्यवस्था में म्यूटेशन फीस हर शहर में अलग-अलग तय की गई थी। उदाहरण के तौर पर लखनऊ नगर निगम सेल डीड पर ₹3500 से ₹10,000 तक फीस वसूलता है, वहीं वाराणसी में यह ₹5000 तक सीमित है। कानपुर में विक्रय मूल्य या बाजार मूल्य का 1% म्यूटेशन शुल्क लिया जाता है, जिससे 50 लाख की संपत्ति पर ₹50,000 तक चुकाने पड़ते हैं। इसी प्रकार, नगर पालिका और नगर पंचायतों की फीस भी अलग-अलग हैं, जो नागरिकों के लिए असमंजस की स्थिति पैदा करती थी।

सीएम योगी का उद्देश्य – “प्रशासनिक पारदर्शिता और नागरिकों की सहूलियत”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सभी शहरी निकायों में म्यूटेशन की प्रक्रिया और फीस को एक समान किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कदम से प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और आम नागरिकों को सहूलियत मिलेगी। इस फैसले से प्रदेश के लाखों नागरिकों को फायदा होगा, खासकर उन लोगों को जो विभिन्न शहरों में संपत्ति का हस्तांतरण कराते हैं।

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