प्राप्त जानकारी के अनुसार, भविष्य में अफसरों को ड्यूटी पर लाने-जाने वाले वाहन या तो खरीदे जाएंगे या आउटसोर्सिंग के जरिए लिए जाएंगे, जिनमें ई-वीइकल एक जरूरी विकल्प के तौर पर शामिल होंगे। इसके लिए जल्द ही वाहनों की खरीद व किराये से जुड़ी नियमावली में संशोधन किया जाएगा।
गौरतलब है कि वर्तमान में सरकारी अफसरों के लिए वाहन खरीद या किराए पर लेने की प्रक्रिया एमएसएमई विभाग से जारी शासनादेश के अनुसार संचालित होती है। इस आदेश में आखिरी बार संशोधन 21 दिसंबर 2023 को हुआ था। उस संशोधन में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, विभागाध्यक्ष सहित अन्य उच्च अधिकारियों के लिए वाहन खरीद की सीमा ₹20 लाख तक बढ़ा दी गई थी, जबकि अन्य श्रेणी के अधिकारियों के लिए यह सीमा ₹12 लाख निर्धारित की गई थी।
हालांकि उस आदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं था, जिसके चलते अब शासन स्तर पर नए दिशा-निर्देशों की तैयारी की जा रही है। माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में इस संबंध में नया शासनादेश जारी किया जा सकता है, जिससे ई-वीइकल को नीतिगत समर्थन मिल सके।
सरकारी सूत्रों की मानें तो इससे न केवल सरकारी बेड़े में आधुनिक तकनीक से लैस, पर्यावरण-अनुकूल वाहन जुड़ेंगे, बल्कि प्रदेश में ई-वीइकल सेक्टर को भी गति मिलेगी। साथ ही राज्य की वायु गुणवत्ता में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है।
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