बिहार में पुश्तैनी जमीन का मालिक कौन, क्या कहता है कानून?

न्यूज डेस्क: बिहार के पटना, भागलपुर, नालंदा, पूर्णिया, दरभंगा सहित सभी 38 जिलों में रहने वाले लोगों के पास पुश्तैनी जमीन हैं। लेकिन सही जानकारी नहीं होने के कारण इस जमीन को लेकर अक्सर लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं। आज इसी विषय में कानून के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे की बिहार में पुश्तैनी जमीन का मालिक कौन होता हैं। इस जमीन पर कितने लोगों का अधिकार माना जाता हैं।

पुश्तैनी जमीन क्या हैं : कानून के अनुसार चार पीढ़ियों तक प्रॉपर्टी का हस्तांतरण पुश्तैनी अधिकार कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर वैसी जमीन जो पहले आपके परदादा की थी, इसके बाद वो दादा की हुई और फिर आपके पिताजी की हुई, वैसी जमीन पुश्तैनी मानी जाती हैं।

पुश्तैनी जमीन का मालिक कौन। 

1 .कानून के जानकार बताते हैं क  इन पीढ़ियों के सदस्यों को जन्म के साथ ही पुश्तैनी जमीन का मालिकाना हक़ प्राप्त हो जाता हैं।

2 .बिहार में पुश्तैनी जमीन पर बेटा और बेटी दोनों का जन्म से अधिकार होता हैं। इस अधिकार को कोई भी व्यक्ति छीन नहीं सकता हैं।

3 .यानि की अगर आपके घर में कोई पुश्तैनी जमीन हैं तो उस जमीन पर बेटा और बेटी दोनों के पास मालिकाना अधिकार हैं।

4 .बिहार में पुश्तैनी जमीन को बेचने के लिए आपको पहले परिवारिक बंटवारा करना होगा। फिर आपके हिस्से में आई जमीन की जमाबंदी करनी होगी। इसके बाद आप उसे बेच सकते हैं। 

5 .आपको बता दें की बेटी का पुश्तैनी प्रॉपर्टी पर केवल तभी हक है अगर पिता 9 सितंबर 2005 में जीवित थे। क्यों की इसके बाद ही ये कानून लाया गया था।

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