इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी छात्र वित्तीय बाधाओं के कारण अपनी शिक्षा से वंचित न रहे। खास बात यह है कि इस योजना में महिलाओं, ट्रांसजेंडरों और दिव्यांगों के लिए ब्याज दर में 1 प्रतिशत की विशेष छूट दी गई है। इसका मतलब यह है कि इन वर्गों के छात्र कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनके लिए शिक्षा का मार्ग और भी सरल हो जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पहल की घोषणा करते हुए कहा, “शिक्षा के क्षेत्र में बिहार को आगे बढ़ाने के लिए यह एक बड़ा कदम है। हम चाहते हैं कि हर छात्र, चाहे वह किसी भी वर्ग से हो, को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का समान अवसर मिले। इस योजना से छात्रों को शिक्षा के प्रति अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने का एक अवसर मिलेगा।”
बता दें की यह योजना विशेष रूप से उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी पढ़ाई के लिए आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं। शिक्षा ऋण योजना के तहत छात्रों को उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ सकेंगे।
बिहार सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है, जो न केवल छात्रों की आर्थिक मदद करेगा, बल्कि उन्हें अपने भविष्य के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेगा। विशेष वर्गों के लिए विशेष छूट और लाभ इस योजना को और भी प्रासंगिक और प्रभावी बनाते हैं। इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि बिहार सरकार शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता और समानता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
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