बागवानी विकास मिशन के तहत नई पहल
उत्तर प्रदेश सरकार के बागवानी विभाग द्वारा शुरू की गई यह योजना "बागवानी विकास मिशन" के अंतर्गत संचालित की जा रही है। इसका उद्देश्य किसानों को पारंपरिक फसलों से हटकर फलदार पौधों की खेती की ओर आकर्षित करना है, जिससे वे अपनी आमदनी में इजाफा कर सकें।
क्यों करें अमरूद की खेती?
जिला उद्यान अधिकारी के अनुसार, अमरूद एक ऐसा फल है जिसे किसी भी प्रकार की जलवायु में उगाया जा सकता है। इसकी बाजार में लगातार मांग बनी रहती है, जिससे किसानों को स्थायी आय प्राप्त हो सकती है। खासकर पिंक ताइवान किस्म की खेती से उच्च गुणवत्ता वाला उत्पादन होता है।
सब्सिडी का पूरा विवरण:
1 .नॉर्मल स्पेसिंग बागवानी
प्रति हेक्टेयर पौधों की संख्या: 277 पौधे
कुल अनुदान (2 वर्षों में): ₹50,000
2 .हाई डेंसिटी बागवानी
प्रति हेक्टेयर पौधों की संख्या: 2200 पौधे
कुल अनुदान (2 वर्षों में): ₹80,000
3 .अल्ट्रा हाई डेंसिटी बागवानी
प्रति हेक्टेयर पौधों की संख्या: 5000 पौधे
कुल अनुदान (2 वर्षों में): ₹1,20,000
योजना का लाभ कैसे लें?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपने जिले के उद्यान विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीकरण के बाद विभाग की ओर से तकनीकी मार्गदर्शन, पौधों की व्यवस्था और सब्सिडी की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
.png)
0 comments:
Post a Comment