डील का महत्व और निर्माण प्रक्रिया
इस सौदे की विशेषता यह है कि इसमें निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी बड़े पैमाने पर शामिल किया जाएगा। HAL द्वारा किए गए ऐलान के अनुसार, इस डील का लगभग 40% हिस्सा यानी 25,000 करोड़ रुपये निजी कंपनियों को दिया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि भारतीय रक्षा क्षेत्र को न केवल आत्मनिर्भर बनाया जाए, बल्कि इसे एक मजबूत और प्रतिस्पर्धी भी बनाया जाए। HAL ने अपने पहले के लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) प्रोजेक्ट में भी लार्सन एंड टुब्रो, वेम टेक्नोलॉजीज जैसी निजी कंपनियों को अपने प्रोजेक्ट में शामिल किया था। अब HAL इसी मॉडल को LCH प्रोग्राम में भी अपनाएगा।
प्रचंड हेलीकॉप्टर का महत्व
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) भारतीय सेना और वायुसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होने वाले हैं। ये हेलीकॉप्टर हल्के, लेकिन अत्यधिक ताकतवर होंगे, जो भारतीय सैन्य बलों की युद्धक क्षमता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। LCH विशेष रूप से दुश्मन की जमीनी और वायु सेना के खिलाफ मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इनमें अत्याधुनिक हथियार प्रणाली, उन्नत नेविगेशन और कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता शामिल है, जो इन हेलीकॉप्टरों को कई प्रकार के मिशन के लिए उपयुक्त बनाता है।
आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम
यह डील भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि इससे हमारी सैन्य ताकत बढ़ेगी और भारतीय रक्षा उद्योग को वैश्विक मानकों पर प्रतिस्पर्धी बनाया जाएगा। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए, इस कदम से न केवल भारतीय सैन्य बलों की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि देश की रक्षा तैयारियों को भी एक नई दिशा मिलेगी।
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