बिहार में शिक्षकों के लिए विभाग का 1 नया आदेश

पटना: बिहार में शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया में तेजी लाने और संतुलित जिला आवंटन को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, राज्य में 650 शिक्षकों के सर्विस रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, जिससे उनके स्थानांतरण में देरी हो रही है। इन शिक्षकों से उनका सर्विस रिकॉर्ड जल्द से जल्द जमा करने की अपील की गई है, ताकि स्थानांतरण की प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए।

सर्विस रिकॉर्ड का महत्व

सर्विस रिकॉर्ड शिक्षा विभाग के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जो शिक्षक की पदस्थापना, कार्य अनुभव, और अन्य संबंधित जानकारी को दर्शाता है। यह दस्तावेज स्थानांतरण के दौरान विभाग के लिए एक मार्गदर्शक सिद्ध होता है, ताकि शिक्षकों को उनके चयनित स्थान पर स्थानांतरित किया जा सके। वर्तमान में जिन 650 शिक्षकों का सर्विस रिकॉर्ड विभाग के पास उपलब्ध नहीं है, उनका स्थानांतरण प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न हो रहा है।

जिला और विद्यालय का संतुलन

शिक्षा विभाग इस समय स्थानांतरण प्रक्रिया में एक और महत्वपूर्ण पहलू पर ध्यान दे रहा है, और वह है जिला और विद्यालय का संतुलन। विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि शिक्षकों के स्थानांतरण से किसी भी जिले या विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। यह संतुलन इस बात पर निर्भर करता है कि शिक्षक की आवश्यकता और उपलब्धता किस जिले और विद्यालय में कितनी है।

इच्छित पंचायत में समायोजन

जिन शिक्षकों के पास सर्विस रिकॉर्ड उपलब्ध होंगे, उनका स्थानांतरण पहले उनकी इच्छित पंचायत में किया जाएगा, अगर वहां रिक्ति उपलब्ध है। यदि इच्छित पंचायत में कोई रिक्ति नहीं है, तो उन्हें पास के पंचायत में समायोजित किया जाएगा। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षकों का समायोजन बिना किसी समस्या के किया जा सके, और शिक्षा की गुणवत्ता पर कोई असर न पड़े।

सक्षमता परीक्षा और महिला शिक्षकों का प्राथमिकता

शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया में सबसे पहले सक्षमता परीक्षा पास करने वाली महिला शिक्षकों का इच्छित स्थानांतरण किया जाएगा। इस समूह के लिए एक सूची तैयार की जा चुकी है, और उनकी जिला आवंटन प्रक्रिया इस सप्ताह से शुरू होगी। महिला शिक्षकों के बाद पुरुष शिक्षकों का स्थानांतरण होगा। यह प्रक्रिया राज्य में शिक्षा विभाग द्वारा सुनिश्चित की गई है ताकि महिला शिक्षकों को प्राथमिकता मिल सके, और उनके स्थानांतरण में कोई देरी न हो।

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