विदेशी मुद्रा भंडार 2025: चीन-1, जापान-2, भारत-4

नई दिल्ली: वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) का महत्वपूर्ण स्थान है। यह प्रत्येक देश की आर्थिक स्थिरता, व्यापारिक गतिविधियों और अंतरराष्ट्रीय भुगतान क्षमता का एक अहम संकेतक होता है। 2025 में, दुनिया के प्रमुख देशों के विदेशी मुद्रा भंडार में बदलाव और वृद्धि ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला है। इस रिपोर्ट में हम 2025 के विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़ों पर चर्चा करेंगे, जिसमें शीर्ष 10 देशों की स्थिति और उनके भंडार की मात्रा का विश्लेषण किया गया है।

1. चीन - $3,682 बिलियन

चीन, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, अपने विदेशी मुद्रा भंडार के साथ वैश्विक सूची में पहले स्थान पर है। 2025 में चीन का विदेशी मुद्रा भंडार $3,682 बिलियन तक पहुँच चुका है। यह आंकड़ा चीन की मजबूत निर्यात क्षमता, विदेशी निवेश आकर्षण, और सरकारी नीति को दर्शाता है। चीन का विदेशी मुद्रा भंडार मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर, यूरो और अन्य प्रमुख मुद्राओं में संचित है, जो उसे वैश्विक वित्तीय संकटों से निपटने में सक्षम बनाता है।

2. जापान - $1,278 बिलियन

जापान का विदेशी मुद्रा भंडार $1,278 बिलियन है, जो उसे दूसरे स्थान पर रखता है। जापान की अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेश और निर्यात का महत्वपूर्ण योगदान है। जापान का मुद्रा भंडार उसके स्थिर वित्तीय प्रणाली, जापानी येन की स्थिति, और जापान सरकार की नीति के कारण मजबूत बना हुआ है। इसके अलावा, जापान का विदेशी मुद्रा भंडार उसे वैश्विक वित्तीय संकटों और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए भी सहायक होता है।

3. स्विट्ज़रलैंड - $927 बिलियन

स्विट्ज़रलैंड का विदेशी मुद्रा भंडार $927 बिलियन है। स्विट्ज़रलैंड एक प्रमुख वित्तीय केंद्र है, और इसका विदेशी मुद्रा भंडार देश की मजबूत बैंकिंग प्रणाली और वैश्विक निवेशकों का विश्वास दर्शाता है। स्विट्ज़रलैंड के पास एक स्थिर और सुरक्षित वित्तीय वातावरण है, जो इसे एक प्रमुख वैश्विक मुद्रा भंडार संचयक बनाता है।

4. भारत - $665 बिलियन

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $665 बिलियन है, जो उसे चौथे स्थान पर रखता है। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, और उसका विदेशी मुद्रा भंडार इस वृद्धि का प्रतिबिंब है। भारत में निर्यात में वृद्धि, विदेशी निवेश में वृद्धि और आर्थिक सुधारों के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि हुई है। यह भारतीय रुपया की स्थिरता और देश की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में सहायक है।

5. रूस - $616 बिलियन

रूस का विदेशी मुद्रा भंडार $616 बिलियन है। रूस, जो ऊर्जा उत्पादन और निर्यात के मामले में प्रमुख है, ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। यह भंडार रूस को वैश्विक वित्तीय संकटों से निपटने और अपने आर्थिक विकास को बनाए रखने में मदद करता है।

6. हांगकांग - $463 बिलियन

हांगकांग का विदेशी मुद्रा भंडार $463 बिलियन है। हांगकांग एक प्रमुख वित्तीय केंद्र के रूप में कार्य करता है और इसका भंडार वैश्विक व्यापारिक गतिविधियों और निवेश का प्रमाण है। हांगकांग की मुद्रा भंडार नीति और उसके व्यापारिक संबंधों के कारण यह क्षेत्रीय आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में सक्षम है।

7. सऊदी अरब - $432 बिलियन

सऊदी अरब का विदेशी मुद्रा भंडार फरवरी 2024 तक $432 बिलियन था। तेल निर्यात में दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में, सऊदी अरब का विदेशी मुद्रा भंडार तेल की कीमतों और वैश्विक मांग पर निर्भर करता है। यह भंडार सऊदी अरब को अपने बजट घाटे को नियंत्रित करने और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है।

8. दक्षिण कोरिया - $415 बिलियन

दक्षिण कोरिया का विदेशी मुद्रा भंडार $415 बिलियन है। दक्षिण कोरिया की उन्नत तकनीकी उद्योग, निर्यात और वैश्विक व्यापार में प्रमुख भूमिका है। इसका विदेशी मुद्रा भंडार देश की आर्थिक स्थिरता और समृद्धि को बनाए रखने में सहायक है।

9. जर्मनी - $387 बिलियन

जर्मनी का विदेशी मुद्रा भंडार $387 बिलियन है। जर्मनी यूरोपीय संघ की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और उसकी आर्थिक गतिविधियाँ, जैसे औद्योगिक उत्पादन और निर्यात, देश के विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करती हैं। जर्मनी का भंडार यूरो के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यूरो क्षेत्र की वित्तीय स्थिरता में इसका अहम योगदान है।

10. सिंगापुर - $377 बिलियन

सिंगापुर का विदेशी मुद्रा भंडार $377 बिलियन है। यह छोटे से देश के लिए एक बड़ी राशि है, और इसका विदेशी मुद्रा भंडार सिंगापुर की प्रमुख व्यापारिक स्थिति, बैंकिंग सेवाओं और वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में भूमिका को दर्शाता है।

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