योजना का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश में सड़कों पर घूम रही बेसहारा गायों के लिए एक सुरक्षित जगह प्रदान करना, उनके भरण-पोषण के लिए सहायता देना और देशी नस्लों का संरक्षण करना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है। इसके अतिरिक्त, योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालकों की आय बढ़ाना और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना भी है।
योजना का मुख्य उद्देश्य है:
यूपी सरकार के इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेसहारा गोवंश की देखभाल और देशी नस्लों का संरक्षण करना हैं। साथ ही किसानों की फसलें चराई से सुरक्षित रखना। गरीब और कुपोषित परिवारों को दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करना और ग्रामीण पशुपालकों की आय बढ़ाना।
योजना की मुख्य विशेषताएं
1 .बेसहारा गायों की देखभाल के लिए वित्तीय सहायता: इस योजना के तहत, यूपी सरकार पशुपालकों को 4 बेसहारा गायों की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसके बदले में, प्रति गाय ₹1500 की राशि दी जाती है, जो सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है। यानी, अगर आप 4 गायों की देखभाल करते हैं, तो हर महीने आपको ₹6000 की राशि डीबीटी के जरिए प्राप्त होगी।
2 .गायों को बेचना या छुट्टा छोड़ना नहीं होगा: योजना के तहत लाभार्थी को गायों को बेचना या उन्हें छोड़ने की अनुमति नहीं होगी। गायों का पालन-पोषण और देखभाल करना अनिवार्य होगा। यह सुनिश्चित करता है कि गायों को पूरी देखभाल मिले और उनका संरक्षण हो सके।
3 .गायों की संख्या: योजना में अधिकतम 4 गायों की देखभाल की जा सकती है। बछियों को गायों की संख्या में गिना नहीं जाएगा।
4 .पात्रता और शर्तें: इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदनकर्ता के पास पशु रखने की जगह होनी चाहिए और उसे गोपालन का अनुभव भी होना चाहिए। इसके अलावा, आवेदनकर्ता का आधार कार्ड से लिंक राष्ट्रीय बैंक में एक बचत खाता होना चाहिए।
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