8वें वेतन आयोग: लेवल 6 तक के कर्मियो को अधिक लाभ

नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। सरकारी कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशों का इंतजार अब जोरों पर है, और यह सैलरी में बेतहाशा वृद्धि का एक अहम कारण बन सकता है। 2026 तक इसे लागू किए जाने की संभावना जताई जा रही है, और खासतौर से लेवल 1 से लेवल 6 तक के कर्मचारियों को इसका सबसे अधिक लाभ मिल सकता है।

सैलरी में बढ़ोतरी का अनुमान

7वें वेतन आयोग (7CPC) के अंतर्गत कर्मचारियों को 14.27% का वेतन वृद्धि मिली थी, लेकिन 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को इससे कहीं ज्यादा लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 8CPC के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 18-24% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इससे कर्मचारियों की तनख्वाह में एक बड़ा उछाल आएगा, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो लेवल 1 से लेकर लेवल 6 तक आते हैं।

फिटमेंट फैक्टर: इसका क्या असर होगा?

फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) का वेतन वृद्धि में अहम योगदान होता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम वेतन ₹18,000 निर्धारित किया गया था। अब, 8वें वेतन आयोग में यह फिटमेंट फैक्टर 1.90, 2.08 या 2.86 के बीच हो सकता है। यदि फिटमेंट फैक्टर 1.90 तय होता है, तो कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹34,200 हो सकती है, जो एक बड़ा इज़ाफा होगा।

भत्तों में बढ़ोतरी: इसमें भी होगा बड़ा इजाफा

8वें वेतन आयोग से केवल बेसिक सैलरी ही नहीं, बल्कि भत्तों में भी बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। महंगाई भत्ता (DA), ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA), और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में बढ़ोतरी की उम्मीद है। खासकर DA में फिर से वृद्धि की संभावना जताई जा रही है, जो पहले 0% से शुरू होकर धीरे-धीरे बढ़ेगा। इसके अलावा, हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में भी कर्मचारियों को अधिक लाभ मिल सकता है, जिससे उनके रहन-सहन के खर्चे में भी कमी आएगी।

लेवल 6 तक के कर्मचारियों को सबसे ज्यादा लाभ

8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से सबसे अधिक लाभ लेवल 1 से लेवल 6 तक के कर्मचारियों को मिलेगा। इन कर्मचारियों की सैलरी में एक अच्छी खासी बढ़ोतरी होने की संभावना है, जो उनके परिवार के खर्चे को आसान बना सकती है। इसके अलावा, उच्च स्तर के अधिकारियों को भी वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा, लेकिन उनके लिए फिटमेंट फैक्टर थोड़ा अलग हो सकता है, क्योंकि उनकी सैलरी पहले ही काफी ज्यादा होती है।

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