बिहार में इन सरकारी इंजीनियरों पर होगी कार्रवाई

पटना – बिहार में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग से जुड़ी प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी गई है। विभागीय सचिव कुमार रवि की अध्यक्षता में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में धीमी प्रगति को लेकर चिंता जताई गई और दोषी इंजीनियरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही गई।

बैठक में बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी, मीठापुर और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी जैसी दो मेगा परियोजनाओं की समीक्षा की गई। सचिव ने इन परियोजनाओं को राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

प्रगति की वर्तमान स्थिति बैठक में बताया गया कि बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के परिसर में ग्राउंड फ्लोर, गेस्ट हाउस और चारदीवारी का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। वहीं, साइंस सिटी परियोजना में प्रदर्शनी गैलरी की स्थापना की दिशा में प्रयास जारी हैं। हालांकि, कई स्थानों पर कार्य की गति अपेक्षा से धीमी पाई गई, जिसे लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जा रही है।

सचिव के निर्देश और चेतावनी सचिव कुमार रवि ने सभी कार्यपालक अभियंताओं और अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा, "यह समयबद्ध परियोजनाएं हैं, और इनमें देरी राज्य की तकनीकी शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।"

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि— प्रत्येक इंजीनियर को नियमित साइट विज़िट करनी होगी। कार्यों की विस्तृत और पारदर्शी रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करनी होगी। तय समयसीमा में कार्य नहीं करने वाले अभियंताओं या ठेकेदारों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों को भविष्य की किसी भी परियोजना से वंचित किया जा सकता है।

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