यूपी में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के 6 नियम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। इन नियमों के तहत अब नागरिकों को जन्म या मृत्यु के 21 दिन के भीतर प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा। पहले की तुलना में अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन और अधिक सुगम कर दी गई है, जिससे लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

मुख्य बिंदु:

1. समय सीमा में सख्ती: बच्चे के जन्म या किसी की मृत्यु के 21 दिन के अंदर आवेदन करना जरूरी है। इससे अधिक समय लगने पर प्रमाण पत्र बनवाने में अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

2. पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन: राज्य सरकार ने प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ई-नगरसेवा पोर्टल को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया है। नागरिक अब घर बैठे ही पंजीकरण, दस्तावेज अपलोड और प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।

3. क्यूआर कोड से प्रमाणिकता: अब जारी होने वाले सभी प्रमाण पत्रों में क्यूआर कोड होगा, जिससे उसकी सत्यता कहीं भी और कभी भी जांची जा सकती है।

4. एसडीएम की मंजूरी जरूरी: यदि जन्म या मृत्यु एक साल से अधिक पुरानी है, तो प्रमाण पत्र बनवाने के लिए संबंधित क्षेत्र के एसडीएम का आदेश आवश्यक होगा।

5. निजी अस्पतालों के लिए अनिवार्यता: अब सभी निजी अस्पतालों को सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) पर जन्म-मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य रूप से करना होगा।

6. अपील की सुविधा: यदि किसी को रजिस्ट्रार या जिला रजिस्ट्रार के निर्णय से आपत्ति है, तो वह जिला रजिस्ट्रार या मुख्य रजिस्ट्रार के पास अपील कर सकता है।

आवेदन करने की प्रक्रिया:

ई-नगरसेवा पोर्टल पर जाएं, रजिस्ट्रेशन करें – मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी भरें। फॉर्म भरें और दस्तावेज अपलोड करें – जन्म/मृत्यु से संबंधित प्रमाण जैसे अस्पताल का रिकॉर्ड आदि। प्रमाण पत्र डाउनलोड करें – आवेदन स्वीकृत होने पर प्रमाण पत्र PDF फॉर्मेट में डाउनलोड किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण सूचना:

1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्म लेने वाले सभी नागरिकों के लिए पासपोर्ट आवेदन में जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में समय से जन्म प्रमाण पत्र बनवाना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।

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