1. हॉर्मोनल बदलाव
वीर्य उत्पादन की प्रक्रिया हार्मोनल बदलावों से शुरू होती है। जब लड़के किशोरावस्था में प्रवेश करते हैं, तो उनके शरीर में प्रमुख हार्मोन जैसे टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ता है। यह हार्मोन उनके जननांगों और शरीर के अन्य अंगों को सक्रिय करता है, जिससे वीर्य निर्माण की प्रक्रिया की शुरुआत होती है।
2. अंडकोष का कार्य
अंडकोष वीर्य निर्माण का मुख्य स्थल होते हैं। यहां, विशेष कोशिकाएं जो "लेडिग कोशिकाएं" कहलाती हैं, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन करती हैं। इसके अलावा, अंडकोष में शुक्राणु (sperm) का निर्माण भी होता है। शुक्राणु का उत्पादन अंडकोष में मौजूद "सेमिनिफेरस ट्यूब्यूल्स" में होता है, जो शुक्राणुओं के लिए एक प्रकार की फैक्ट्री की तरह काम करते हैं।
3. शुक्राणुओं का निर्माण
शुक्राणुओं का निर्माण एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है जिसे स्पर्मेटोजेनेसिस कहा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, अंडकोष में स्थित "सेमिनिफेरस ट्यूब्यूल्स" में शुरू में अंडाणु कोशिकाओं से शुक्राणु बनते हैं। धीरे-धीरे ये शुक्राणु परिपक्व होते हैं और नसों के द्वारा अंडकोष से बाहर की तरफ बढ़ते हैं।
4. वीर्य द्रव का निर्माण
जब शुक्राणु अंडकोष से बाहर निकलते हैं, तो वे वीर्य द्रव में मिलकर वीर्य का रूप लेते हैं। वीर्य द्रव मुख्य रूप से सेमिनल वेसिकल्स, प्रोस्टेट ग्लैंड, और बुल्बोउरेथ्रल ग्रंथि से निकलता है। ये ग्रंथियां वीर्य को एक तरल रूप प्रदान करती हैं, जो शुक्राणु को सुरक्षित और गतिशील बनाए रखने में मदद करती हैं।
5. वीर्य का मार्ग
जब वीर्य तैयार हो जाता है, तो यह शुक्राणुओं और वीर्य द्रव के मिश्रण के रूप में एंफीट्स एंडोक्राइन सिस्टम के द्वारा एजैक्युलेटरी डक्ट (Ejaculatory Duct) तक पहुंचता है। यहां से यह वीर्य उरिनरी ट्रैक्ट के माध्यम से बाहर निकलता है। इस मार्ग में वीर्य पूरी तरह से मिश्रित होता है और फिर प्यूबिक एरिया के पास से बाहर आ जाता है।
6. प्राकृतिक निषेचन
अंतिम चरण में, वीर्य का उत्सर्जन इजैक्युलेशन (Ejaculation) के रूप में होता है। यह प्रक्रिया तब होती है जब शरीर उत्तेजना के बाद वीर्य को पेनिस के माध्यम से बाहर निकालता है। इस दौरान, पुरुष शरीर में नसों और मांसपेशियों के संयोजन से एक शारीरिक प्रतिक्रिया होती है, जिसके कारण वीर्य बाहर निकलता है।
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