डिजिटल होगा खतियान
राज्य सरकार और आईटी विभाग की साझेदारी में एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) और भू-अभिलेख निदेशालय द्वारा एक विशेष प्लेटफॉर्म पर काम किया जा रहा है। इसके तहत हर गांव के खतियान रिकॉर्ड का डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जा रहा है, जिसमें वर्तमान दखलकार का नाम, खतियानी रैयत से संबंध, जमाबंदीदार से दखलकार का संबंध और भूमि पर दखल का आधार जैसी विस्तृत जानकारी शामिल की जा रही है।
प्रपत्र 05 से मिलेगी विस्तृत जानकारी
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, भू- सर्वेक्षण सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध प्रपत्र 05 के लिंक पर क्लिक कर लोग खतियान से संबंधित सभी जानकारियाँ प्राप्त कर सकेंगे। इसमें यह जानकारी भी होगी कि वर्तमान भू-स्वामी को जमीन कैसे, कब और कहां से प्राप्त हुई। यदि पुश्तैनी जमीन का बंटवारा हुआ है, तो वह जानकारी भी डिजिटल रिकॉर्ड में स्पष्ट तौर पर दर्ज होगी।
खतियान जांच में अमीनों को मिलेगी मदद
खास बात यह है कि इस डिजिटल खतियान रिकॉर्ड से अमीनों को भी काफी सहायता मिलेगी। उन्हें हर खेसरा से जुड़ी विस्तृत जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलेगी, जिससे सर्वेक्षण कार्य में पारदर्शिता और सटीकता बनी रहेगी। प्रभारी बंदोबस्त पदाधिकारी कमलेश कुमार ने बताया कि यह व्यवस्था विशेष भू-सर्वेक्षण में गलतियों की संभावना को भी कम करेगी।
सार्वजनिक उपयोग के लिए होगा सिस्टम तैयार
डिजिटल खतियान रिकॉर्ड तैयार होने के बाद यह सभी जानकारी सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे आम लोग घर बैठे ही अपने जमीन से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर सकेंगे। इससे न सिर्फ भूमि विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी, बल्कि रैयतों और किसानों को भी बड़ी राहत मिलेगी।
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