एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार का ये जीनियस NASA में विभिन्न परियोजनाओं पर काम किया, जिसमें अंतरिक्ष मिशनों के लिए गणितीय मॉडल और सिमुलेशन विकसित करने का कार्य शामिल था। उनकी विशेषज्ञता और योगदान ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
वहीं, इसके अलावे साल 1971 में भारत लौटने के बाद, वशिष्ठ नारायण सिंह ने सबसे पहले IIT कानपुर में नौकरी की थी। ये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर में गणित के प्रोफ़ेसर के तौर पर काम किया था। उनकी गिनती एक बड़े जीनियस के तौर पर होती हैं।
वशिष्ठ नारायण सिंह की प्रमुख बातें:
1 .प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: उनका जन्म 1942 में भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव में हुआ। बचपन से ही गणित में उनकी असाधारण क्षमता थी। उन्होंने झारखंड के नेतरहाट स्कूल और पटना साइंस कॉलेज से अपनी शिक्षा प्राप्त की।
2 .अंतरराष्ट्रीय मान्यता: प्रोफेसर जॉन एल केली ने उन्हें कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले आने का न्योता दिया, जो उनके गणितीय कौशल की पुष्टि करता है।
3 .NASA के साथ सहयोग: जब NASA के कंप्यूटर सिस्टम में समस्या आई थी, तब उन्हें मदद के लिए बुलाया गया, जिससे उनकी विशेषज्ञता की व्यापक पहचान बनी।
4 .IIT कानपुर में प्रोफ़ेसर बने: गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर में गणित के प्रोफ़ेसर के तौर पर काम किया था
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