सरकारी जमीन पर कब्जे की पूरी जानकारी
यह कार्रवाई मुख्यतः दो भूमि संख्याओं पर केंद्रित रही, भूमि संख्या 1704 और 1706 पर। सरकारी अभिलेखों में भूमि संख्या 1706 को गंगारेत के नाम से दर्ज किया गया था और भूमि संख्या 1704 को नवीन परती के नाम से। इन दोनों भूमि पर कई लोगों ने पक्की बाउंड्रीवाल और नींव भरकर अवैध कब्जे कर रखे थे। अधिकारियों के अनुसार, इन कब्जों में कुछ बाउंड्री और नींव लगभग पांच से छह फीट तक बन चुकी थीं।
प्रशासन का बुलडोजर और सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी गौरांग राठी के निर्देश पर प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की मौजूदगी में बुलडोजर से इन अवैध कब्जों को ध्वस्त किया गया। इस प्रक्रिया में कुल 19 बीघा जमीन, जो लगभग 38 करोड़ रुपये मूल्य की मानी गई है, को कब्जे से मुक्त कराया गया। हालांकि, जब प्रशासन ने कब्जे हटाए, तो उस भूमि पर कब्जा करने वाले कोई भी व्यक्ति मौके पर नहीं पहुंचे।
इस कार्रवाई के दौरान एसडीएम क्षितिज द्विवेदी, एआरओ प्रशांत नायक, तहसीलदार सदर अर्सलानाज, राजस्व और सर्वे विभाग के अधिकारी तथा पुलिस बल मौजूद थे। विशेष रूप से एआरओ प्रशांत नायक ने बताया कि भूमि संख्या 1706 में कुल 24 बीघा सरकारी जमीन थी, जिसमें से 19 बीघा भूमि पर कब्जा किया गया था।
सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्ती
सार्वजनिक भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ अब प्रशासन ने एक कड़ा संदेश भेजा है। एसडीएम क्षितिज द्विवेदी ने इस कार्रवाई को लेकर कहा कि अब इस भूमि पर अवैध कब्जे की कोई भी कोशिश नहीं होने दी जाएगी। कब्जा मुक्त कराई गई भूमि पर पिलर लगाकर चौतरफा तार लगवाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही स्थानीय पुलिस को यह निर्देश दिया गया है कि अब इस सरकारी जमीन पर कोई भी कब्जा नहीं करने पाए।
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