शिक्षा विभाग ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है, जिसकी अध्यक्षता माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक अब्दुस सलाम अंसारी कर रहे हैं। यह कमेटी 8 मई को इन शिक्षकों के सभी शैक्षणिक व प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी करेगी। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित शिक्षकों की नौकरी से बर्खास्तगी संभव है।
सत्यापन के लिए 8 मई को सभी शिक्षकों को तलब
विभागीय आदेश के अनुसार, सभी 105 शिक्षकों को 8 मई को पूर्वाह्न 10:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक जांच समिति के समक्ष उपस्थित रहना होगा। इन शिक्षकों को अपने सभी दस्तावेज—जैसे शैक्षणिक प्रमाण पत्र, प्रशिक्षिण प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, नियोजन पत्र, दक्षता परीक्षा (STET, BTET, CTET) सर्टिफिकेट और सक्षमता परीक्षा का एडमिट कार्ड साथ लाने का निर्देश दिया गया है।
राज्य के 32 जिलों में पदस्थापित हैं फर्जी प्रमाण पत्र वाले शिक्षक
ये सभी शिक्षक फिलहाल राज्य के 32 जिलों के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत हैं। इनमें पटना, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, रोहतास, सीवान, पूर्णिया, पश्चिम चंपारण जैसे जिले शामिल हैं। शिक्षा विभाग ने संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इन शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं।
गौरतलब है कि स्थानीय निकाय शिक्षक सक्षमता परीक्षा 2024 (प्रथम) के सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए दो चरणों में काउंसलिंग कराई गई थी। जिलों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, पहले चरण में 96 और दूसरे चरण में 9 उम्मीदवारों के दस्तावेज प्रथम दृष्टया फर्जी पाए गए हैं।
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