भारत के 'सुदर्शन' बम से थर-थर कांपता पाकिस्तान!

नई दिल्ली।

भारत की वायुशक्ति अब और भी ज़्यादा प्रबल हो चुकी है। दुश्मन की छावनियों, बंकरों और पहाड़ी खुफाओं में बैठे आतंकी अब कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। 'सुदर्शन', भारत का पहला स्वदेशी लेज़र गाइडेड बम, अब दुश्मनों के छिपने के हर रास्ते को बंद कर रहा है। यह घातक हथियार न सिर्फ भारत की तकनीकी श्रेष्ठता का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली की भी एक शानदार मिसाल है।

भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित 'सुदर्शन' बम को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया गया है। यह बम 9 किलोमीटर तक की दूरी से सटीक निशाना लगाकर दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त कर सकता है। इसका इस्तेमाल मिग-27, मिराज-2000, जगुआर और मिग-29 जैसे फ्रंटलाइन फाइटर जेट्स से किया जा सकता है।

हर निशाना सटीक, हर हमला निर्णायक

'सुदर्शन' बम हवा से ज़मीन पर हमले के लिए एक विशेष लेज़र गाइडेंस किट के साथ आता है, जो बम को टारगेट तक बेहद उच्च सटीकता से पहुंचाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बम की सभी प्रमुख तकनीकें — नेविगेशन, कंट्रोल सिस्टम और गाइडेंस यूनिट — पूरी तरह भारतीय उद्योगों द्वारा तैयार की गई हैं। यानी अब भारत को लेज़र गाइडेड बमों के लिए विदेशी तकनीक या आयात पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

SAAW: 100 किमी दूर से बरसाएगा तबाही

सिर्फ 'सुदर्शन' ही नहीं, भारत की वायुसेना अब DRDO द्वारा विकसित एक और घातक हथियार से लैस हो रही है — स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन (SAAW)। यह सटीक और स्मार्ट हथियार प्रणाली 100 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के रनवे, बंकर और हथियार डिपो को तबाह कर सकती है। 2013 में इसे मंजूरी मिली थी और अब यह युद्धाभ्यास में सफल साबित हो चुका है।

दुश्मन को सीधा संदेश

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि 'सुदर्शन' जैसे हथियार भारत को न केवल सैन्य रूप से मज़बूत बनाते हैं, बल्कि यह दुश्मनों को यह स्पष्ट संदेश भी देते हैं — अब भारत सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि पहले से तैयार रहेगा। जंगल हो या पहाड़, बंकर हो या गुफा — अब कोई भी दुश्मन भारत के प्रहार से बच नहीं सकता।

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