मौसम विभाग के मुताबिक, यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुआ है, जिसका असर उत्तर-पश्चिम, उत्तर और पूर्वी भारत में 7 मई तक बने रहने की संभावना है। गुरुवार रात से ही राज्य के कई हिस्सों में मौसम ने करवट ली और कई जिलों में बादल छाए रहे।
इन जिलों में रहेगा सबसे ज्यादा असर
कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, रायबरेली, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, महोबा, झांसी, ललितपुर, बांदा, पीलीभीत, जालौन, हमीरपुर, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, मिर्जापुर, चंदौली, सोनभद्र, चित्रकूट, कौशांबी, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, आदि।
वज्रपात और तेज हवाओं से बचाव के उपाय
आपको बता दें की मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें, पेड़ों के नीचे या खुले में खड़े न हों, और बिजली गिरने की संभावना वाले समय में मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग से बचें।
फसलों पर असर संभव, किसानों को सलाह
तेज हवा और बारिश का असर खेती पर भी पड़ सकता है। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे कटाई की गई फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रख लें और खेतों में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करें। उत्तर प्रदेश में मौसम का यह बदलाव जहां गर्मी से राहत देगा, वहीं इसके साथ आने वाले खतरे से भी सावधान रहने की जरूरत है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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