हर स्कूल को मिलेगा अलग बजट
बजट के तहत प्राथमिक विद्यालयों को 5 हजार रुपये, जूनियर हाई स्कूल और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) को 10 हजार रुपये और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को 25 हजार रुपये खेल सामग्री की खरीद के लिए दिए जाएंगे। 86,764 प्राथमिक विद्यालयों के लिए 43 करोड़ रुपये मिलेंगे।
वहीं, 45,245 उच्च प्राथमिक स्कूलों और केजीबीवी के लिए 45 करोड़ रुपये, 2,000 से अधिक सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के लिए 5 करोड़ रुपये से अधिक मिलेंगे। इसके अलावा ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना को 19.41 करोड़ रुपये, ओपन जिम और खेल सामग्री के लिए 14.92 करोड़ रुपये तथा राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविरों के लिए 5.33 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
साई मॉडल पर मिलेगा प्रशिक्षण
सरकार की योजना के अनुसार, अब स्कूलों से चयनित खिलाड़ियों को सीधे राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में नहीं भेजा जाएगा। इसके बजाय उन्हें पहले 10 दिवसीय मंडल स्तरीय शिविरों में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह शिविर भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की तर्ज पर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में अंडर-14, अंडर-17 और अंडर-19 आयु वर्ग के खिलाड़ियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति शुरू
राज्य के 100 से अधिक नामांकन वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पहले से ही शारीरिक शिक्षकों की तैनाती की जा चुकी है। इससे बच्चों को व्यवस्थित और नियमित खेल प्रशिक्षण मिलने लगेगा।
बच्चों के संपूर्ण विकास की दिशा में बड़ा कदम
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने इस योजना को बच्चों के संपूर्ण विकास की दिशा में क्रांतिकारी पहल बताया। उन्होंने कहा, "खेलों से बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता का विकास होता है।" वहीं, स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि फेडरेशन के दिशा-निर्देशों के तहत खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय सुविधाएं और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।
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