यूपी में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार दे रही है 2 लाख रुपये

लखनऊ। अगर आप अपनी खुद की फार्मेसी शुरू करना चाहते हैं और समाज सेवा के साथ आय का जरिया भी बनाना चाहते हैं, तो प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) के तहत जन औषधि केंद्र खोलना आपके लिए एक शानदार अवसर हो सकता है। यूपी सहित पूरे देश में सरकार ऐसे केंद्र खोलने के लिए सब्सिडी और वित्तीय सहायता दे रही है।

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया

आपको बता दें की जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। इच्छुक आवेदक janaushadhi.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की स्वीकृति के बाद केंद्र खोलने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

सरकार से मिलती है सब्सिडी

सरकार द्वारा जन औषधि केंद्र संचालकों को मासिक खरीद पर 20% की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जिसकी अधिकतम सीमा ₹20,000 प्रति माह तय की गई है। यह प्रोत्साहन दवाओं की न्यूनतम भंडारण अनिवार्यता से जुड़ा होता है। इसके अलावा, महिला उद्यमियों, दिव्यांगजनों, एससी/एसटी वर्ग, भूतपूर्व सैनिकों और उत्तर-पूर्वी राज्यों, पर्वतीय क्षेत्रों, द्वीप समूहों व आकांक्षी जिलों के लिए सरकार ₹2 लाख की अतिरिक्त वित्तीय सहायता देती है। यह सहायता आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर व्यय के लिए एकमुश्त रूप में दी जाती है।

डी.फार्मा/बी.फार्मा डिग्री जरूरी

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए व्यक्तिगत आवेदकों के पास डी.फार्मा या बी.फार्मा की डिग्री होनी अनिवार्य है। यदि स्वयं के पास यह योग्यता नहीं है, तो किसी योग्य फार्मासिस्ट को नियुक्त कर आवेदन किया जा सकता है। मेडिकल कॉलेजों, सरकारी अस्पतालों, प्रतिष्ठित एनजीओ और प्राइमेरी ऐग्रिकल्चर क्रेडिट सोसायटी (PACS) के माध्यम से भी जन औषधि केंद्र खोले जा सकते हैं।

स्वास्थ्य सेवा में योगदान और मुनाफे का मौका

जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में सस्ती होती हैं, लेकिन उनका चिकित्सीय प्रभाव एक समान होता है। ऐसे में जन औषधि केंद्र खोलकर न केवल आम जनता को सस्ती दवाएं मुहैया कराई जा सकती हैं, बल्कि यह एक स्थायी आय का स्रोत भी बन सकता है। यदि आप भी इस योजना से जुड़ना चाहते हैं तो तुरंत janaushadhi.gov.in पर जाएं और आवेदन प्रक्रिया शुरू करें।

0 comments:

Post a Comment