यूपी में इन कर्मचारियों को पेंशन और लीव की सुविधा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। अब तक ठेके की नौकरी में अनिश्चितता और सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे इन कर्मचारियों के लिए सरकार ‘आउटसोर्स सेवा निगम’ का गठन करने जा रही है। इस फैसले से न केवल कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि एजेंसियों के शोषण से भी राहत मिलेगी।

यह निगम एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में कार्य करेगा और इसकी जिम्मेदारी होगी राज्य भर के विभिन्न विभागों में तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती, वेतन, अवकाश और अन्य सुविधाओं का प्रबंधन। निगम के गठन से आउटसोर्स सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और कर्मचारियों को समय पर वेतन तथा ईएसआई (ESI) और ईपीएफ (EPF) जैसी आवश्यक सुविधाएं आसानी से मिल सकेंगी।

पेंशन और मातृत्व अवकाश जैसे लाभ भी होंगे शामिल

सरकार के इस कदम से आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर 180 दिन की मातृत्व अवकाश, ईएसआई अस्पतालों में मुफ्त इलाज, सेवा पूरी होने पर पेंशन, और आकस्मिक अवकाश जैसी प्रमुख सुविधाएं मिल सकेंगी।

वर्तमान में, राज्य सरकार को निजी एजेंसियों के जरिए आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा लेने पर कमीशन और जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है। लेकिन निगम के गठन से इस खर्च में लगभग 22.5% की बचत होने की संभावना जताई जा रही है। इससे सरकारी खजाने पर बोझ भी घटेगा और कर्मचारियों को भी स्थायित्व और सुरक्षा का एहसास होगा।

एजेंसियों के उत्पीड़न से मिलेगा छुटकारा

अभी तक निजी आउटसोर्स एजेंसियों पर कर्मचारियों को समय पर वेतन न देने, ईपीएफ और ईएसआई का पैसा न जमा करने जैसी शिकायतें मिलती रही हैं। निगम के गठन से ये सभी समस्याएं दूर हो सकेंगी, क्योंकि पूरा नियंत्रण अब सीधे सरकारी स्तर पर होगा। सरकार के इस फैसले को आउटसोर्स कर्मचारियों ने राहत की सांस मानते हुए सराहा है। उम्मीद है कि इस नीति के लागू होने के बाद आउटसोर्स कर्मियों का जीवन स्तर सुधरेगा और वे ज्यादा सम्मान के साथ अपनी सेवाएं दे सकेंगे।

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