समय में बदलाव के पीछे की वजह
बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) प्रवीण कुमार तिवारी के अनुसार, बढ़ती गर्मी और तापमान में हो रही वृद्धि के कारण बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का खतरा बढ़ गया था। इस स्थिति में बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए, सुबह का समय ही बेहतर विकल्प साबित होता है। सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक कक्षाएं संचालित करने से बच्चे अधिक गर्मी से बचेंगे और उनका ध्यान भी बेहतर तरीके से पढ़ाई पर केंद्रित हो सकेगा।
शिक्षक और शिक्षिकाओं के लिए भी बदलाव
समय में बदलाव के साथ-साथ, स्कूलों में शिक्षकों के कार्य के घंटे भी बदल गए हैं। बच्चों को 11:30 बजे छुट्टी मिल जाएगी, लेकिन शिक्षक और शिक्षिकाएं अब पहले की अपेक्षा 12:30 बजे तक स्कूल में रुकेंगे। इस समय का उपयोग वे लंबित कार्यों को पूरा करने और प्रशासनिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए करेंगे। यह बदलाव प्रशासनिक कार्यों को भी बेहतर तरीके से चलाने में मदद करेगा।
प्राइवेट स्कूलों में पहले से लागू है नया समय
बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि जिले के सभी प्राइवेट स्कूलों में पहले ही समय में बदलाव किया जा चुका है। इन स्कूलों को भी बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए थे, ताकि वे बढ़ती गर्मी के असर से बच सकें। सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि वे निर्धारित समय के अनुसार कक्षाएं संचालित करें और बच्चों के स्वास्थ्य पर कोई असर न पड़े।
बच्चों की भलाई के लिए आवश्यक कदम
यह बदलाव बच्चों की भलाई और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक आवश्यक कदम है। गर्मी में अत्यधिक पढ़ाई करने से बच्चों में शारीरिक थकावट और मानसिक तनाव भी हो सकता है, और इस निर्णय से उनकी ऊर्जा बनी रहेगी। यह कदम शिक्षा विभाग की तरफ से एक सकारात्मक पहल है, जो बच्चों की सेहत को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
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