परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, हर साल करीब 20 से 25 हजार गाड़ियां बिहार में अन्य राज्यों से आती हैं, लेकिन उनमें से महज एक हजार गाड़ियां ही बिहार में रजिस्ट्रेशन कराती हैं। यही नहीं, ज्यादातर वाहन मालिक न तो अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेते हैं और न ही दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाते हैं। ऐसे में सरकार ने अब सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।
7 दिन के भीतर देनी होगी सूचना
नए नियमों के तहत, यदि कोई गाड़ी दूसरे राज्य से बिहार में प्रवेश करती है और सात दिनों से अधिक समय तक यहां चलती है, तो वाहन मालिक को संबंधित DTO को सूचना देना अनिवार्य है। साथ ही, NOC लेकर गाड़ी का बिहार में दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा।
CCTV और टोल प्लाजा से हो रही निगरानी
सरकार ने इन नियमों के पालन की निगरानी के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया है। टोल प्लाजा और शहरों में लगे CCTV कैमरों की मदद से ऐसे वाहनों की पहचान की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि कौन सी गाड़ी कितने समय से बिहार की सड़कों पर दौड़ रही है। परिवहन विभाग इन सभी वाहनों का डेटाबेस तैयार कर रहा है।
कार्रवाई होगी सख्त, जब्त हो सकती है गाड़ी
जो वाहन मालिक नियमों का पालन नहीं करते, उन्हें पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। अगर यह पाया गया कि कोई गाड़ी एक साल से अधिक समय से बिहार में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही है, तो उस गाड़ी को जब्त किया जा सकता है। परिवहन विभाग ने ऐसे मामलों में पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है।
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