एक रिपोर्ट के मुताबिक अग्नि-6 भारत की सामरिक क्षमता को बढ़ाएगा और जो क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। यह मिसाइल भारत की सुरक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और यह देश की आत्मनिर्भरता को भी दर्शाएगी। ये मिसाइल पूरी धरती को कवर करेगी।
बता दें की अमेरिकी खुफ़िया एजेंसी का मानना है कि भारत 2027 तक इस मिसाइल की तैनाती कर सकता है। हालांकि भारत ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की हैं। लेकिन चीन पहले से ही भारत की बढ़ती मिसाइल क्षमताओं से परेशान है।
क्या होगी अग्नि-6 की ताकत?
1. मारक क्षमता:
अग्नि-6 की रेंज 10,000 से 12,000 किलोमीटर के बीच होने की उम्मीद हैं, जिससे यह अधिकांश वैश्विक लक्ष्यों को प्रभावित कर सकती है।
2. विविध वारहेड्स:
यह पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के वारहेड ले जाने में सक्षम है, जिससे इसकी रणनीतिक महत्वता बढ़ जाती है।
3. सटीकता:
अत्याधुनिक नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणाली इसे उच्च सटीकता के साथ लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम बनाती है।
4. गति और उड़ान की ऊँचाई:
यह उच्च गति और ऊँचाई पर उड़ान भरने की क्षमता रखती है, जिससे इसे रडार से बचने में मदद मिलती है। इसकी गति मैक 24 के आसपास होगी।
5. विकासशील तकनीक:
अग्नि-6 में एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने की क्षमता होगी। इसमें 10-12 स्वतंत्र रूप से लक्षित किए जा सकने वाले परमाणु वारहेड्स लगे होंगे, जिन्हें एक ही मिसाइल के जरिए अलग-अलग लक्ष्यों पर छोड़ा जा सकता है।
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